Migration In Islam In Hindi | हिजरी कैलेण्डर कब शुरू हुआ और हिजरत किसे कहते है
हिजरत एक जगह छोड़ कर दूसरी जगह जा बसना तो मक्का के काफिरों की तरफ से दी गयी तकलीफों से परेशान होकर नबी और सहाबा ने मक्का से मदीना चले गए यानी हिजरत कर गए उसी को हिजरत कहते है
तारीख हिजरी (हिजरी कैलेण्डर) की शुरुआत कब से हुई
और किस ने की
हज़रत उमर रजियल लाहू अन्हु की खिदमत में एक आदमी यमन से आया और कहा कि आप तारीख क्यूँ नहीं डालते कि जिस से पता चले कि किस दिन और कब ये वाकिया हुआ तो हज़रत उमर रजियल लाहू अन्हु ने फ़रमाया नहीं तो फिर वो आदमी चला गया
हज़रत उमर रजियल लाहू अन्हु को जब ज़रा फुर्सत मिली तो दिलो दिमाग़ में यही खयालात बार बार आने लगे यहाँ तक कि जब आपका दिल मुतमइन हो गया तो आपने सहाबा को जमा किया और उस यमनी आदमी की बात सामने रखी फिर उन से सवाल किया कि तारीख की शुरुआत कहाँ से होनी चाहिए तो सारे लोगो खामोश हो गए
- फिर कही से एक हलकी आवाज़ आयी कि रसूलु ल्लाह सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम की वफात से शुरुआत होनी चाहिए
- किसी ने कहा कि शुरुआत उस दिन से होनी चाहिए जिस दिन नबी होने का ऐलान नबी सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम ने किया
- लेकिन फिर हज़रत अली रजियल लाहू अन्हु की आवाज़ बलंद हुई और फ़रमाया कि हमें तारीख लिखने की शुरुआत उस दिन से करने चाहिए जब नबी सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम शिर्क की ज़मीन से निकल कर मदीने की तरफ रवाना हुए और इस्लाम का एक नया दरवाज़ा खुला यानी जिस दिन मक्का से मदीना की तरफ हिजरत हुई
ये कहना था कि हर तरफ से आवाज़े आने लगी कि हमें ये बात कुबूल है और हम इस पर राज़ी है
तो इस तरह नबी की हिजरत से तारीख हिजरी का आगाज़ हुआ और जिस का पहला महीना मुहर्रम है