Miswak Ka Sunnat Tareeqa
मिस्वाक करने का सुन्नत तरीक़ा
अल्लामा इब्नुन नजीम र.अ. ने बहरुर राइक में लिखा है मिस्वाक का सुन्नत तरीक़ा ये है कि..
मिस्वाक ( Miswak ) दांत के ऊपरी हिस्से, निचले हिस्से और तालू पर इस तरह मले कि पहले दायें तरफ़ फिर बाएं तरफ़ और कम से कम तीन बार ऊपर के दांतों और तीन बार नीचे के दांतों पर करे |
अल्लामा शामी ने लिखा है कि मिस्वाक दांत के बाहरी हिस्से पर घुमा घुमा कर करे और दांत के ऊपरी हिस्से और दोनों दांतों की जोड़ में भी करे |
मिस्वाक पकड़ने का सुन्नत तरीक़ा
मिस्वाक पकड़ने का सुन्नत तरीक़ा ये है कि दायें हाथ की सब से छोटी ऊँगली को मिस्वाक के नीचे करे और शहादत की ऊँगली यानि बड़ी ऊँगली को मिस्वाक के ऊपर रखे और अंगूठा मिस्वाक के सिरे के नीचे रखे |
नोट : याद रहे मिस्वाक दायें हाथ में ही हो और मुठ्ठी में पकड़ कर न रखे बल्कि बताये गए तरीके के मुताबिक़ करे |
मिस्वाक की मोटाई कितनी हो
मिस्वाक की मोटाई छोटी ऊँगली के बराबर हो, मतलब ये है कि जिसे आसानी से कुचला जा सके और नर्म किया जा सके लेकिन अगर उससे मोटी मिस्वाक मिल जाये तो उससे भी किया जा सकता है |
मिस्वाक की लम्बाई कितनी हो ?
मिस्वाक एक बालिश्त से ज्यादा न हो वरना उस पर शैतान सवार हो जाता है, हाँ अगर मिस्वाक करते वक़्त छोटी हो जाये तो कोई हरज नहीं
मिस्वाक को बिछा कर क्यूँ न रखें
मिस्वाक को खड़ी कर के रखें, बिछा कर ज़मीन पर न रखें क्यूंकि इससे जूनून ( पागलपन ) का अंदेशा है
हज़रत सईद बिन जुबैर र.अ. से मन्कूल है कि जो शख्स मिस्वाक को ज़मीन पर रखने की वजह से पागल हो जाये तो अपने नफ्स के अलावा किसी को मलामत न करे क्यूंकि ये खुद उसकी अपनी ग़लती है
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