Nabi Se Muhabbat Ki Haqeeqat
नबी से मुहब्बत है कि नहीं ? देखें
अगर आप पैगंबर मुहम्मद स.अ. से मुहब्बत करते हैं, या सिर्फ़ मुहब्बत का दावा करते हैं ये जानने के लिए ये 6.निशानियाँ दी जा रही हैं हैं जिनसे आपको पहचानने में मदद मिलेगी कि क्या आप अपने इस मुहब्बत के दावे में सच्चे हैं या नहीं.
1. नबी के बताये हुए रास्तों पर चलना
यक़ीनन, जब किसी से मुहब्बत होती है तो उसके बताये गए कामों को करने में बिलकुल थकन का अहसास नहीं होता, अल्लाह के रसूल, पैगंबर मुहम्मद स.अ. के साथ अपनी मुहब्बत का इज़हार करने के लिए सबसे बड़ी अलामत यह है कि आप अपनी ज़िन्दगी का कोई मामला हो, माल हो या मकान, बिज़नेस हो या नौकरी, तमाम हालात में आप नबी के बताये हुए तरीके पर चलते हैं, अगरचे तमाम दुनिया आज झूट, सूदखोरी, फितना व फ़साद के रास्ते पर चल रही हो ।
2. नबी स.अ. की ज़िन्दगी के बारे में पढ़ना
जब आप किसी स्टार के फैन होते हैं तो उसके इन्टरव्यू सुनते हैं और उसकी ज़िन्दगी के बारे में जानना चाहते हैं, तो नबी से मुहब्बत की दूसरी अलामत ये है कि जो पढ़ सकता है, वो पैगंबर मुहम्मद स.अ. की ज़िन्दगी को ज़रूर पढ़ेगा ; और जो पढ़ न सके उसे कम से कम सुन ज़रूर लेगा, जिससे हमारे नबी की शफ़क़त , मुहब्बत , रहम, तक़रीर, लगन, अखलाक़, इस उम्मत के लिए उनकी फ़िक्र और मुश्किलात का पता चलेगा ।
3. नबी स.अ. की हदीसों को समझना
तीसरा, अगर आप अपने रसूल स.अ. को पसंद करते हैं तो ज़िन्दगी में अपनी पसंद नापसंद का नहीं बल्कि उनकी पसंद और नापसंद का ख़याल करेंगे, लेकिन इसके लिए पहले नबी की हदीसों को और उनके बतलाये गए रास्तों को समझना बहुत ज़रूरी है ।
4. नबी स.अ. पर ज़्यादा से ज़्यादा और दुरूद और सलाम भेजना
नबी स.अ. से मुहब्बत की एक बेहतरीन अलामत है कि आप की ज़ुबान दुरूद शरीफ़ के ज़िक्र से तर रहेगी, जब आप नबी पर एक बार दुरूद पढ़ते हैं (अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद व अला आलि मुहम्मद) तो अल्लाह आप पर 10 रहमतें नाज़िल फरमाते हैं ।
5. उनके तमाम अमल को पसंद करना जिसको वो करते थे
मिसाल के तौर पर, रात में इबादत करना, घर का हो या बाहर का हो हमेशा इन्साफ की बात कहना, सोमवार और गुरुवार को रोज़ा रखना, मिस्वाक का इस्तेमाल करना, सफेद कपडे पहनना और दूसरी तमाम सुन्नतों पर अकीदतो मुहब्बत से अमल करना।
6. दूसरों को भी उनकी पैरवी की तरफ दावत देना
जब आप किसी चीज़ को पसंद करते हैं या उस काम में फायदा देखते हैं तो उस काम की लोगों को तरगीब देना शुरू कर देते हैं और तो नबी स.अ. की पैरवी से ज्यादा दुनिया और आख़िरत में मुफीद और फायदेमंद रास्ता आप कहां पा सकते हैं इसलिए नबी पर यक़ीन और मुहब्बत की अलामत ये है कि आप दूसरों तक हक बात पहुंचाएंगे ।
तो आप आप पैगंबर मुहम्मद स.अ. से इज़हार करने के लिए इनमें से कितनी चीजें कर रहे हैं कमेन्ट सेक्शन में ज़रूर बताएं ।
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Thanks