Namaaz Men Aurat Ke Baal
नमाज़ में औरत के सर के बालों का हुक्म
नमाज़ मर्द और औरत दोनों पर बराबर फ़र्ज़ है | आम तौर पर दोनों की नमाज़ का तरीक़ा एक है | लेकिन कुछ मसाइल हैं जिन में दोनों के दरमियान फर्क है यहाँ पर उन मसाइल को बयान किया जायेगा जिन में औरत का तरीक़ा अलग है
नमाज़ के लिए औरत का सतर
अल्लाह ने जिन जिस्मानी हिस्सों को छुपाने का हुक्म दिया है उसे सतर कहते हैं और ये सतर का हिस्सा मर्दों और औरतों का अलग अलग है
औरत नमाज़ में पूरे बदन को छुपाएगी सिर्फ चेहरा और हथेली खुले रहेंगे
सर से लटके हुए बालों का हुक्म
औरत के सर के बाल भी सतर में दाखिल हैं इसलिए ये छोटे हों या बड़े बंधे हुए हों या खुले नमाज़ में पूरे छुपाना ज़रूरी है
कितने कपड़ों में नमाज़ पढ़नी चाहिए
नमाज़ के सही होने के लिए पूरे बदन का छुपाना ज़रूरी है चाहे वो एक कपडे से ही हो जाये या दो तीन कपड़ों से कोशिश इस तरह की जाये की पूरा बदन अच्छी तरह छुपा रहे रसूल सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने तीन कपड़ों में नमाज़ पढ़ने को अफ़ज़ल बताया है
जो बच्ची अभी बालिग नहीं हुई क्या दुपट्टे के बगैर नमाज़ पढ़ सकती है
बालिग हो जाने के बाद ही इंसान पर शरीअत का हुक्म लागू होता है वो तो अल्लाह के हुक्म की आदत बच्चों में डालने को कहा गया है की बालिग़ होने से पहले ही बच्चों को नमाज़ की ताकीद करें इसलिए बालिग़ होने पहले अगर बगैर दुपट्टे के नमाज़ अदा करे तो नमाज़ हो जाएगी
क्या चुस्त और चिपके हुए कपड़ों में नमाज़ हो जाएगी
ऐसे कपडे में नमाज़ पढ़े जिसमें बदन के कुछ हिस्से ऊपर से ज़ाहिर हो रहे हों इस में नमाज़ हो जाएगी लेकिन ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल दुरुस्त नहीं है
बारीक कपडे में नमाज़
ऐसे बारीक कपडे में नमाज़ पढना जिससे जिस्म की रंगत नज़र आ जाये जाएज़ नहीं इससे नमाज़ नहीं होगी
इसी तरह कपडा मोटा हो लेकिन जालीदार हो और उसके बारीक सुराखों में जिस्म की रंगत नज़र आ रही हो तो ऐसे कपड़ों में भी नमाज़ सही नहीं होगी