Namaze Janaza Kaise Padhen | जनाज़े की नमाज़ कैसे पढ़ें ?

Namaze Janaza Kaise Padhen

जनाज़े की नमाज़ कैसे पढ़ें ?

नमाज़े जनाज़ा की फ़ज़ीलत क्या है ?

हज़रत आयशा र.अ. से मरवी है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : जिस मय्यत की नमाज़े जनाज़ा 100 की तादाद में मुसलमानों का मजमा पढ़े और सब उसकी शिफाअत कर रहे हों तो उनकी शिफाअत कुबूल कर ली जाती है |

जनाज़े की नमाज़ का हुक्म ?

नमाज़े जनाज़ा फरज़े किफ़ाया है यानि एक मर्द या औरत भी नमाज़े जनाज़ा पढ़ ले तो बाक़ी लोगों से फ़र्ज़ सकित हो जायेगा लेकिन अगर किसी ने नहीं पढ़ा तो सब लोग गुनाहगार होंगे ( इसलिए हमें चाहिए कि हम नमाज़े जनाज़ा में ज़रूर शिरकत करें )

नोट : इस नमाज़ में रुकू और सजदा नहीं होता सिर्फ़ चार तक्बीरें होती हैं जिन को कहने के बाद कुछ दुआएं पढनी होती हैं जिन को हम step by step बतायेंगें |

नमाज़े जनाज़ा का तरीक़ा

मय्यत को आगे रखिये और उसके ठीक सीने के मुकाबिल इमाम साहब खड़े हो जाये | और पीछे लोग सफें बना कर खड़े हो जाएँ और सफें 2 या 4 न हों बल्कि 1, 3, 5, या 7 यानि ताक़ अदद में हों फिर नियत करें

1.पहला स्टेप

जनाज़े की नमाज़ की नियत

मैं नमाज़े जनाज़ा पढता हूँ जो नमाज़ खुदा के लिए है और दुआ इस मय्यत के लिए है ( इतना काफी है )

2. दूसरा स्टेप

अब पहली तकबीर “अल्लाहु अकबर” कह कर आम नमाज़ों की तरह दोनों हाथ बाँध लें फिर सना पढ़ें

 

namaze janaza kaise padhen

इस में एक लफ्ज़ वजल्ले सनाउका बढ़ा लेंगे

3. तीसरा स्टेप

अब बगैर हाथ उठाये दूसरी तकबीर कहें “अल्लाहु अकबर” और दुरूद शरीफ़ पढ़ें

दुरूद शरीफ़ पढने के लिए क्लिक करें

 

4. चौथा स्टेप

अब बगैर हाथ उठाये तीसरी तकबीर कहें “अल्लाहु अकबर” और ये दुआ पढ़ें

( अगर मय्यत बालिग़ मर्द या औरत की है )

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English Men

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अगर मय्यत नाबालिग लड़के की है तो ये दुआ पढ़ें

 

अगर मय्यत नाबालिग लड़की की है तो ये दुआ पढ़ें

 

अगर कोई भी दुआ याद न हो तो सिर्फ़ ये दुआ पढ़ लें

 

5. पांचवां स्टेप

अब बगैर हाथ उठाये चौथी तकबीर कहें “अल्लाहु अकबर” और हाथ बांधे बांधे ही सलाम फेर लें

बस नमाज़े जनाज़ा हो गयी अब जनाज़ा उठा कर कब्रस्तान ले चलिए

जनाज़े के कुछ मसाइल

एक वक़्त में कई जनाज़े इकठ्ठा हो जाएँ तो क्या एक साथ नमाज़ पढ़ना जाएज़ है ?

हाँ जाएज़ है ! लेकिन ऐसी सूरत में सब जनाज़े इमाम के सामने होंगे

 

क्या जूते और चप्पल पहन कर या उन पर खड़े होकर जनाज़े की नमाज़ दुरुस्त है ?

हाँ दुरुस्त है ! लेकिन जब जगह और जूते दोनों पाक हों

 

अगर बगैर वली की इजाज़त के किसी ने नमाज़ पढाई तो क्या नमाज़ होगी ?

अगर वली की इजाज़त के बगैर किसी ने नमाज़ पढाई जिस को शरई तौर पर हक़ न था तो वली चाहे तो दोबारा नमाज़ पढ़ा सकता है यहांतक कि अगर मय्यत दफ़न हो चुकी तो उसकी क़ब्र पर भी नमाज़ पढ़ सकता है इस शर्त पर कि इतना वक़्त न गुज़रा हो कि लाश के फटने का इमकान हो |

 

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2 Comments on “Namaze Janaza Kaise Padhen | जनाज़े की नमाज़ कैसे पढ़ें ?”

  1. Aap Jo sakte hain vah har iman wali Musalman ke liye sabse behtar hai aur hamen yahi shighra chahie kyunki Musalman ki takdeer aur uski kismat Jo bhi hai vah film hai hamare liye Allah tala ne sab kuchh yahi Diya hai

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