New Born Baby Speaking
5 ऐसे बच्चे जो माँ की गोद में ही बोलने लगे
इन्सान जब दुनिया में आता है तो छोटा सा बच्चा होता है, फिर धीरे-धीरे वह बड़ा होता है तो चलना और बोलना शुरू कर देता है लेकिन शुरू में वह इतना कमजोर था कि वह बोलना तो दूर अपनी बात भी दूसरों को समझा नहीं सकता और यही दुनिया का रूटीन है जो शुरू से चला आ रहा है |
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी दुनिया में आए जो बचपन में ही बड़ों की तरह अपनी मां की गोद में ही बोल पड़े, हालांकि अभी वो चंद दिनों के ही थे तो हालाँकि ये बात तो बड़ी हैरतअंगेज है लेकिन हकीकत है लेकिन अल्लाह तआला जिस तरह बड़े होने पर बोलने की ताक़त दे सकता है तो वो बचपन में भी बच्चे से बोलने की कुदरत दे सकता है |
तो चलिए आज हम कुछ ऐसे ही बच्चों के बारे बात करेंगे जो अपनी माँ की गोद में ही बड़ों की तरह और एक समझदार इंसानों की तरह बोल पड़े और उन्होंने बात की |
1. हजरत ईसा अलैहिस्सलाम
हजरत ईसा अलैहिस्सलाम ने अपनी मां की गोद में बचपन में ही बात की थी जब उनकी मां पर इल्जाम लगा था कि मरियम तूने गलत काम किया है तो हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम जो अपनी मां की गोद में थे बोल पड़े
मैं अल्लाह का बंदा हूँ उसने मुझे किताब दी है, और मुझे नबी बनाया है,
और मैं जहाँ भी रहूँगा मुझे सरापा बरकत बनाया है और जब तक मैं जब तक ज़िन्दा रहूँ मुझे नमाज़ और ज़कात की ताकीद की है
और अपनी वालिदा के साथ फरमाबरदार रहने की ( ताकीद फरमाई है ) और उस ने मुझे अकड़ने वाला बदबख्त नहीं बनाया है
और सलाम है मुझ पर उस दिन जब मैं पैदा हुआ और उस दिन जब मैं मरूंगा और उस दिन जब मैं जिंदा उठाया जाऊंगा
इस वाकिये का ज़िक्र सूरह मरियम में है
2. यूसुफ अलैहिस्सलाम के लिए बच्चे की गवाही
यूसुफ अलैहिस्सलाम पर जब मिस्र के बादशाह की बीवी ज़ुलेखा ने इलज़ाम लगाया कि उन्होंने मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश की तो एक बच्चे ने यूसुफ अलैहिस सलाम के हक में गवाही दी थी कि यूसुफ अलैहिस सलाम सच्चे हैं और यह औरत झूठी है |
सूरह यूसुफ में इसकी तफ़सील मौजूद है
3. एक बच्चे की गवाही जुरैज के लिए
जुरैज एक राहिब था वो आबादी से दूर अपनी कुटिया में इबादत किया करता था, एक बदकार और बुरी औरत ने उससे ग़लत काम करने के लिए उकसाया, लेकिन उस अल्लाह के बन्दे ने इनकार कर दिया तो उस औरत ने बदला लेने की ठान ली इसलिए उस ने एक चरवाहे से ग़लत काम किया जिसके नतीजे में जब बच्चा पैदा हुआ तो लोगों ने पुछा कि “ये किसका बच्चा है” तो उस औरत ने कहा कि ये उसी राहिब जुरैज का बच्चा है जो बड़ा इबादत गुज़ार बना फिरता है |
इस इलज़ाम की वजह से अल्लाह ने अपने बन्दे को बचाने के लिए उसी बच्चे को बोलने की ताक़त दी उस ने बताया कि फलां चरवाहा मेरा बाप है |
ये वाकिया बुखारी शरीफ़ में मौजूद है
4. एक बच्चे की अपनी माँ को हक बात की सलाह
एक मां अपने बच्चे को लिए खड़ी हुई थी कि अचानक एक जालिम बादशाह अपने लाव लश्कर के साथ जा रहा था, एक माँ जो अपने अपने बच्चे को लेकर खड़ी हुई थी तो उस ने कहा “काश मेरा बच्चा भी इसी बादशाह की तरह हो जाए” तो अल्लाह तआला ने उस बच्चे को बोलने की ताक़त दी उसने कहा “नहीं माँ ! मुझे इस के जैसा बनाने की दुआ मत कीजिये क्यूंकि ये ज़ालिम बादशाह है और ज़ालिम का अंजाम अच्छा नहीं होता” |
(मुस्लिम शरीफ)
5. बच्चे का माँ को हौसला देना
इसी तरह साहिबे उख्दूद का वाकिया है जिसमें एक जालिम बादशाह लोगों को आग की खंदकों में डाल रहा था, एक औरत जो अपने बच्चे के साथ थी अब उस के कूदने की बारी थी उस औरत ने सोचा कि “अगर मैं इस बच्चे को लेकर आग में कूद जाऊं तो मेरे साथ ही बच्चा भी मर जाएगा” तो अल्लाह तआला ने उस बच्चे को भी बोलने की ताकत दी उसने कहा कि “माँ आप घबराइए मत, डरने की जरूरत नहीं है आप छलांग लगा दीजिए” |
सूरह बुरूज में इस का ज़िक्र है
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