Pyare Nabi Ki 100 Sunnaten | प्यारे नबी की 100 सुन्नतें | Part 2
पिछली पोस्ट में आपने 56 सुन्नतें पढ़ीं (Pyare Nabi Ki 100 Sunnaten) का Part 1 थी और आप से उम्मीद करता हूँ कि उन पर अमल करने का इरादा भी कर लिया होगा अब आगे की सुनातों पर भी गौर करें और ज़िन्दगी में उतरने की क्षोश करें अल्लाह हम सबको अमल ककी तौफीक अत फरमाए |
- बेदार होने की सुन्नतें
- कपडे पहनने की सुन्नतें
- घर में दाखिल होने की सुन्नतें
- और दूसरी आम सुन्नतें
बेदार होने ( जागने ) की सुन्नतें
57. तहज्जुद नमाज़ के लिए जगना।
58. नींद के खुमार को दूर करने के लिए जागने पर हाथों की हथेलियों से चेहरे और आंखों को रगड़ें।
59. “अल्हम्दुलिल्लाह” को तीन बार कहें और फिर “कलिमा तैयबाह” पढ़ें
60. इसके बाद जागने की दुआ पढ़ें ।
61. बिस्तर को खुद ठिकाने लगाना ।
62. जागने पर मिस्वाक से मुंह साफ करें।
कपडे पहनने की सुन्नतें
63. रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को सफेद कपड़े बहुत पसंद थे।
64. रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) कपडे पहनते वक़्त हमेशा दाहिने अंग (दाहिना हाथ ) से शुरू फरमाते थे |
65. कपडे उतारते वक़्त रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने हमेशा पहले बाएं हाथ के हिस्से को उतारा करते थे ।
66. मर्दों को एड़ियों के ऊपर पैंट पहनना चाहिए। औरतों को इस तरह पहनना चाहिए कि उनके टखनें ढके रहें ।
67. मर्दों को एक टोपी या पगड़ी पहननी चाहिए । औरतों को स्कार्फ या दुपट्टा जरूर पहनना चाहिए, जिससे उसके बाल ढके हुए हों |
68. जूते पहनते समय पहले दायाँ जूता पहनें और फिर बायां।
69. अपने जूते निकालते समय, पहले बाएं और फिर दाएं को उतारें ।
घर में दाखिल होने की सुन्नतें
70. घर दाखिल होने से पहले दुआ पढना ।
71. उन लोगों को “अस्सलामु अलैकुम” कहना जो घर में हैं।
72. खांसी, वगैरह के ज़रिये से अपने आने की लोगों को खबर देना, भले ही वह आपका अपना घर हो।
आम सुन्नतें
73. मिसवाक का इस्तेमाल करना रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की एक अहम् सुन्नत है। जो वुजू करते वक़्त मिस्वाक करेगा उसके बाद नमाज़ अदा करेगा तो इस नमाज़ में आम नमाज़ से 70 गुना ज्यादा सवाब मिलेगा। इसके साथ ही इससे मौत के वक़्त आसानी से कालिमा भी नसीब होगा ।
74. जुमे को गुस्ल करना (नहाना ) चाहिए ।
75. इतर लगाना (यह मर्दों पर लागू होता है)
76. पुरुषों के लिए दाढ़ी रखना जो लंबाई में एक मुट्ठी के बराबर हो ।
77. बाएं हाथ में अपने जूते उठाना |
78. मस्जिद जाने से पहले घर पर वुज़ू करना।
79. दाएं पैर से मस्जिद में दाखिल होना ।
80. मस्जिद से निकलते वक़्त बायाँ पैर पहले निकालना ।
81. चलते समय जमीन पर देखना ।
82. धीरे धीरे और विनम्रता, शाइस्तगी से बात करना।
83. “अस्सलामु अलैक्म वा रहमतुल्लाहि वा बरकअतुहु” कहकर सभी मुसलमानों को सलाम करना।
84. उन लोगों पर रहम करना, जो आपसे छोटे हैं।
85. अपने बड़ों का सम्मान और इज्ज़त करना।
86. अपने माँ बाप का एहतेराम करना।
87. कोई बीमार हो तो उसकी अयादत करना (मिलने जाना)।
88. अपने पड़ोसी से अच्छा बर्ताव करना ।
89. एक हंसमुख चेहरे के साथ हर एक से मिलना |
90. गरीबों और जरूरतमंदों की देखभाल करना।
91. हर किसी से अच्छे ताल्लुकात रखना
92. हर मेहमान की इज्ज़त करना, भले ही वह ऊंचे पद पर न हो।
93. अपने मेहमान के लिए एक अच्छा मेहमान नवाज़ बनना ।
94. एक दूसरे को हदिये ( गिफ्ट्स ) लेते देते रहना ।
95. किसी भी काम को करने से पहले अपने माँ बाप, टीचर या बड़ों के साथ मशवरा (परामर्श) करना।
96. अल्लाह तआला की इस बनाई हुई कायनात के बारे में गौर फ़िक्र करना ।
97. लोगों को भलाई का हुक्म देना।
98. उन्हें बुराई करने से रोकना।
99. कुरआन शरीफ के कुछ हिस्से को रोजाना पढ़ना ।
100. अपनी जाएज़ जरूरतों को पूरा करने के लिए अल्लाह तआला से दुआ करना
Pyare Nabi Ki 100 Sunnaten | प्यारे नबी की 100 सुन्नतें | Part 1
Nice sunatay