Pyare Nabi Ki Baaten
जन्नत में ले जाने वाली 5 नेकियाँ
एक हदीस में है कि 5 नेकियाँ ऐसी हैं जिनको अगर इन्सान एक दिन में कर ले गया तो अल्लाह तआला उस का नाम जन्नतियों में लिख देते है, यानि वो जन्नती बन जायेगा, ऐसी नेकी की बात जब सहाबा के सामने आती थी वो फ़ौरन उसपर अमल करना शुरू कर देते थे अब हमारी बारी है |
तो चलिए देखते हैं ये जन्नत में ले जाने वाली नेकियाँ कौन सी हैं
1. किसी बीमार का हाल चाल पूछने जाना
अल्लाह के नबी स.अ. ने इरशाद फ़रमाया : अगर कोई मुस्लमान अपने बीमार मुसलमान भाई की खैर ख़बर लेने सुबह के वक़्त जाता है तो सत्तर हज़ार फ़रिश्ते उसके लिए शाम तक दुआ करते हैं अगर कोई मुस्लमान अपने बीमार मुसलमान भाई का हाल चाल लेने शाम के वक़्त जाता है तो सुबह तक सत्तर हज़ार फ़रिश्ते उसके लिए दुआ करते हैं
बीमार चाहे मालदार हो या ग़रीब, बड़े दरजे का हो या छोटे दरजे का हर किसी की इयादत करना सिर्फ दीन और अल्लाह के खातिर बहुत बड़े सवाब का काम है लेकिन हम अक्सर इस सवाब से महरूम रह जाते हैं |
2. और मुसलमान भाई के जनाज़े में शरीक होना
बुखारी शरीफ़ में अल्लाह के नबी स.अ. का इरशाद है : अगर कोई मुस्लमान अपने मुसलमान भाई की वफ़ात के बाद उसके जनाज़े के पीछे जाता है और उसके साथ जाता है यहांतक कि उसकी नमाज़े जनाज़ा अदा कर ली जाती है और उसको दफ़न भी कर दिया जाता है तो वो दो कीरात सवाब लेकर लौटता है और हर कीरात उहद पहाड़ के बराबर
अगर कोई मुस्लमान अपने मुसलमान भाई की वफ़ात के बाद उसके जनाज़े के पीछे जाता है और नमाज़े जनाज़ा अदा कर के वापस आ जाता है दफ़न में शरीक नहीं होता है तो उसे एक कीरात सवाब मिलता है |
3. रोज़ा रखना
रोज़ा तो इतनी अहम् चीज़ है कि अल्लाह ने उसके लिए एक महीना तक ख़ास कर दिया कि इस महीने में तमाम मुसलमानों पर रोज़ा फ़र्ज़ और ज़रूरी है दुसरे महीनों में ज़रूरी तो नहीं होता लेकिन अगर हम इसको रखते हैं न सिर्फ जिस्मानी बल्कि रोहानी तौर हमें मज़बूत बनाता है |
4. जुमा की नमाज़ अदा करना
नबी स.अ. ने फ़रमाया : एक जुमा से दुसरे जुमा के दरमियान जो भी गुनाह होते हैं वो जुमा की वजह से माफ़ कर दिए जाते हैं
5. गुलाम को आज़ाद करना
कुरान पाक में इरशाद है जिसने घाटी को पार किया वही जन्नत में दाखिल होगा और घाटी को पार करने का मतलब है कि गर्दन आज़ाद करना मतलब गुलाम आज़ाद करना
मेरे ख़याल से इन नेकियों के लिए जुमे का दिन सब से अच्छा है क्यूंकि ये एक मुबारक दिन है और इस दिन अल्लाह की ख़ास रहमत सभी मुसलमानों के साथ होती तो ऐसे मौक़े न गवाएं, तो चलिए हम सब अपनी आख़िरत को बेहतर बनाने के लिए नेकियों का बैलन्स अल्लाह के अकाउंट में जमा करा दें |