Qunoot e Nazilah Dua In Hindi
क़ुनूते नाज़िला दुआ हिन्दी में
एक बहुत ही ख़ास दुआ जिसका नाम क़ुनूते नाज़िला (Qunoot e Nazilah) है लेकिन कुछ लोग आम तौर से इसको कुनूते नाजिला ( Kunute Nazilah ) भी कहते हैं, जैसा भी हो ये वो दुआ है जिसको नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ख़ुद पढ़ा करते थे तो आज हम इसी दुआ के बारे में बात करेंगे
क़ुनूते नाज़िला क्या है ?
क़ुनूत नाज़िला एक दुआ है जो सुबह की फ़र्ज़ नमाज़ की दूसरी रकात में रुकू से उठने के बाद और सज्दे में जाने से पहले पढ़ी जाती है
दुआ क़ुनूते नाज़िला ( Qunoot e Nazilah Dua ) कब से शुरू हुई ?
ये दुआ हिजरत के बाद चौथे साल सफ़र के महीने में शुरू हुई और एक वाक़िया इस के शुरू होने की वजह बना वो वाक़िया ये है कि एक क़बीले ने नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से आकर कहा कि आप कुछ सहाबा को हमारे साथ भेज दें ताकि वो हमारे इलाक़े में इस्लाम की दावत दें
तो इस दरख्वास्त पर नबी करीम स.अ. ने उनकी मदद के लिए 70 सहाबा की एक जमात उनके साथ कर दी जिस जमात में सभी लोग क़ुरान के माहिर थे, और बहुत ही पाकबाज़ और इबादत गुज़ार थे, और अपना अक्सर वक़्त मस्जिदे नबवी में ही गुज़ारते थे, और क़ुरआन सीखते थे
उस क़बीले ने सहाबा को अपने साथ लिया और निकल पड़े, रास्ते में एक जगह जिसका नाम “बिअरे मऊनह” था वहां रुक गए और अपने कुछ लोगों की मदद से इन 70 सहाबा की जमात को वहीँ पर क़त्ल कर दिया
रसूलुल लाह (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) को जब इस वाक़िये का पता चला तो आपको इतना सदमा हुआ कि इस से पहले इतना सदमा कभी नहीं हुआ था और तभी एक महीने तक सुबह की नमाज़ में दुआए क़ुनूत पढ़ी जिस में उन तमाम कातिलों के हक़ में बद दुआएं फ़रमाते रहे |
कब क़ुनूते नाज़िला पढ़नी चाहिए ?
जब हालत ख़राब चल रहे हों तो फ़ज्र की फ़र्ज़ नमाज़ में इमाम साहब दूसरी रकात में “समिअल लाहु लिमन हामिदह” कह कर जब रुकू से उठें तो ये दुआ पढ़ें और पीछे तमाम मुक्तदी आमीन कहते रहें
Qunoote Nazila In Hindi | क़ुनूते नाज़िला दुआ हिन्दी में
अल्लाहुम मह दिना फ़ीमन हदैत, व आफ़िना फ़ीमन आफ़ैत, व तवल्लना फ़ीमन तवल्लैत,
व बारिक लना फ़ीमा अअ’तैत व क़िना शर्रा मा क़दैत फ़ इन्नका तक़दी वला युक्दा अलैक,
व इन्नहू ला यज़िल्लू मव वालैत, वला यइज्ज़ु मन आदैत, तबा रक्ता रब्बना व तआलैत,
नस तग्फिरुका व नतूबू इलैक, व सल्लल लाहु अलन नबिय्यिल करीम
अल्लहुम मग़फिर लना वलिल मुअ’मिनीना वल मुअ’मिनात, वल मुस्लिमीन वल मुस्लिमात,
व अल्लिफ बैना क़ुलूबिहिम, व असलिह जाता बैनिहिम, वन सुरहुम अला अदुव्विका व अदुव्विहिम,
अल्लाहुम मल अनिल क-फ़रह अल्लज़ीना यसुद्दूना अन सबीलिक, व युकज्ज़िबूना रुसुलक, व युक़ातिलूना अवलिया अक,
अल्लाहुम्मा ख़ालिफ बैना कलिमतिहिम, व ज़ल्ज़िल अक्दामहुम, व शततित शम्लहुम, व फ़र्रिक जमअहुम,
व अन्ज़िल अलैहिम बअ’सकल लज़ी ला तरुद्दुहू अनिल क़ौमिल मुजरिमीन, व सल्लल लाहु अलन नबिय्यिल करीम
Qunoote Nazila In Roman English
Allahum Mah Dina Feeman Hadait, Wa Aafina Feeman Aafait,
Wa Tawallana Feeman Tawallait, Wa Barik Lana Feema Aa’tait,
Wa Qina Sharra Ma Qadait, Fa Innaka Taqdee Wala Yuqda Alaik,
Wa In Nahu La Yazillu Maw Walait, Wala Yaizzu Man Aadait,
Tabarakta Rabbana Wa Ta Aalait, Nastagfiruka Wa Natoobu Ilaik,
Wasal Lal Laahu Alan Nabiyyil Kareem
Allahum Mag Fir Lil Mua’mineena Wal Mua’minaat, Wal Muslimeena Wal Muslimat,
Wa Allif Baina Quloobihim, Wa Aslih Zata Bainihim. Wan Surhum Ala Aduwwika Wa Aduwwihim,
Allahummal Anil Kafarah Allzina Yasud Doona An Sabeelik, Wa Yukaz Ziboona Rusulak,
Wa Yuqatiloona Aw Liya Ak, Allahumma Khaalif Baina Kalimatihim, Wa Zalzil Aqdamahum,
Wa Shattit Shamlahum, Wa Farriq Jam Ahum, Wa Anzil Alaihim Ba’ Sakal Lazi La Tarudduhu Anil Qaumil Mujrimeen,
Wasal Lal Laahu Alan Nabiyyil Kareem
अल्लाह तआला अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए
Nice information
Bahut khub