Qurabni Ka Gosht Kaise Taqseem Karen | क़ुरबानी का गोश्त कैसे तक़सीम करें?

qurbani ka gosht

Qurabni Ka Gosht Kaise Taqseem Karen

क़ुरबानी का गोश्त कैसे तक़सीम करें?

क़ुरबानी का मौसम करीब आ चुका है और ये मौसम उस वाकिए की यादगार है जब एक बाप ने अपने बेटे पर अल्लाह की राह में कुरबान करने के लिए छुरी चला दी थी लेकिन छुरी ने अपना काम नहीं किया क्यूंकि ये सिर्फ़ अल्लाह का इम्तेहान था

और इस इम्तेहान में दोनों बाप बेटे कामयाब हो गए थे और फिर बेटे की जगह क़ुरबानी के लिए जन्नत से अल्लाह ने एक जानवर भेजा जिसको फिर ज़बह किया गया तो ये क़ुरबानी का अमल अल्लाह को इतना पसंद आया कि क़यामत तक के लिए तमाम मुसलमानों पर इसको लागू कर दिया

और आप जानते हैं कि वो बाप (हज़रत इबराहीम अलैहिस सलाम) और बेटे (हज़रत इस्माईल अलैहिस सलाम) हैं इन अल्लाह के बन्दों ने तो अपनी क़ुरबानी दी थी लेकिन अल्लाह ने हम पर कौन से अहकाम नाज़िल किये हैं ये जानना बहुत ज़रूरी है

तो इस से पहले आपने पढ़ा था कि क़ुरबानी किन लोगों पर ज़रूरी है और क़ुरबानी का जानवर ख़रीदने से पहले क्या क्या देखना ज़रूरी है, चलिए ये बातें आपने जान लीं और आपने आपने क़ुरबानी भी कर दी लेकिन अब जानेंगे कि क़ुरबानी के गोश्त और खाल का क्या करेंगे

क़ुरबानी का गोश्त और खाल के बारे में क्या हुक्म है ? क्या ये तीन हिस्सों में बांटना ज़रूरी है ? क्या क़ुरबानी का गोश्त ग़ैर मुस्लिम को दिया जा सकता है ? इस जैसे कई सवाल जो क़ुरबानी करने वाले के दिमाग़ में होते हैं उन सब के सवाल के जवाब आज हम ढूँढने की कोशिश करेंगे

क्या क़ुरबानी का पूरा गोश्त ख़ुद रख सकते हैं या सारा का सारा सदक़ा कर सकते है ?

अगर आपके घर में लोग बहुत ज़्यादा हैं या आप ग़रीब हैं तो पूरा गोश्त आप ख़ुद रख सकते हैं और घर के लोग ही मिल कर खा सकते हैं बाँटना ज़रूरी नहीं है

और अगर आप चाहें तो पूरा गोश्त तक़सीम कर सकते हैं लेकिन अपनी की गयी क़ुरबानी में से ज़रूर खाना चाहिए क्यूंकि इस गोश्त की निस्बत अल्लाह की तरफ है जैसे पानी हर जगह निकलता है लेकिन आबे ज़मज़म जो कि पानी ही है लेकिन उस की निस्बत अल्लाह की तरफ है इसी लिए उस की अहमियत है

क़ुरबानी का गोश्त कितने हिस्सों में बाँटें ?

3 हिस्सों में गोश्त की तक़सीम करें 

अब यहाँ पर सब से बेहतर तरीक़ा जिसमें आप ख़ुद भी खा सकते हैं और गरीबों को भी दे सकते हैं और अपने दोस्त अहबाब और रिश्तेदारों को भी दे सकते हैं और ऊपर बताये गए तरीकों में सब से बेहतर और अफज़ल तरीक़ा भी यही है

वो तरीक़ा ये है कि क़ुरबानी के गोश्त के तीन हिस्से किये जाएँ

1. एक हिस्सा अपने पास रख लिया जाये

2. दूसरा हिस्सा ग़रीबों में बाँट दिया जाये

3. तीसरा हिस्सा रिश्तेदारों और दोस्त व अहबाब में बाँट दिया जाये

यही सब से बेहतर तरीक़ा है जिस पर अमल करना चाहिए लेकिन अगर कोई सारा गोश्त रख ले या सारा गोश्त सदक़ा कर दे तो उसको बुरा नहीं कहा जायेगा लेकिन बेहतर है कि अल्लाह की इस दावत में सब को शामिल किया जाये

क्या मय्यत (मुर्दे) की तरफ़ से क़ुरबानी की जा सकती है ?

यानि आपके घर में किसी का इन्तेक़ाल हो गया तो उसकी तरफ़ से क़ुरबानी की जा सकती है लेकिन उस क़ुरबानी के गोश्त के बारे में दो बातें जान लें

1. अगर मय्यत ने अपने मरने से पहले वसिय्यत की थी कि मेरी तरफ़ से क़ुरबानी कर देना तो ऐसे में सारा गोश्त फ़क़ीरों को दिया जायेगा और मालदारों को खाना जाएज़ नहीं है

2. लेकिन अगर मय्यत ने वसिय्यत नहीं की थी बल्कि उसको सवाब पहुँचाने के लिए क़ुरबानी की गयी है तो ऐसे में गोश्त का हुक्म वही होगा जो आम क़ुरबानी का होता है यानि फ़क़ीर और अमीर सब खा सकते हैं

अगर एक जानवर में कई लोग शरीक हों तो…

जिस क़ुरबानी के जानवर में कई लोग शरीक हों यानि बड़ा जानवर हो और उस में सात हिस्से हों तो गोश्त वज़न करके तक़सीम किया जाये सिर्फ़ अन्दाज़ा लगा कर नहीं

क्या क़ुरबानी का गोश्त ग़ैर मुस्लिम को दे सकते हैं ?

हाँ ! क़ुरबानी का गोश्त ग़ैर मुस्लिम को दिया जा सकता है

Qurabni Ki Khaal | क़ुरबानी की खाल

क़ुरबानी के बाद जानवर की खाल को सदक़ा कर देना चाहिए या अगर खाल को बेच कर उस से पैसे मिले वो सदक़ा कर देना चाहिए वो पैसे अपने पास रखना ना जाएज़ है, कुछ लोग क़ुरबानी करने वाले कसाई को खाल मज़दूरी के तौर पर दे देते हैं जो कि जायज़ नहीं है उसकी मज़दूरी अलग से दी जाएगी

Qurabni Ke Gosht

क्या क़ुरबानी की खाल बेच सकते हैं ?

नहीं ! क़ुरबानी की खाल बेच नहीं सकते लेकिन अगर बेच दिया तो उस मिली हुई क़ीमत को सदक़ा करना वाजिब है

क्या क़ुरबानी की खाल ख़ुद इस्तेमाल कर सकते हैं ?

हाँ ! अगर आपने क़ुरबानी की है तो उस की खाल अपने इस्तेमाल में ला सकते हैं जैसे चमड़े की कोई चीज़ बना ली और घर में इस्तेमाल करने लगे ये जाएज़ है लेकिन बेच नहीं सकते

अल्लाह तआला अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए

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