Ramzan Me Ye Kaam Bilkul Na Karen
रमज़ान में ये काम बिलकुल न करें
आप ने ज़रूर महसूस किया होगा कि लम्हे आते हैं और चले जाते हैं, दिन आते हैं और गुज़रते जाते हैं, और यही हाल महीनों का है कि वो इंतज़ार नहीं करते बल्कि राही को अकेला छोड़ कर आगे निकल निकल जाते हैं, लेकिन उन महीनों में एक महीना रमज़ान का है जिसका एक एक दिन एक एक लम्हा हर मुसलमान की ज़िन्दगी में रहमत बन कर बरसता है और नेअमतों के ढेर लगा देता है यही वजह है कि इंसान मस्जिद की तरफ़ खिंचा चला जाता है और शैतान के सब किये कराये पर पानी फेर देता है
लेकिन कुछ लोगों के लिए ये महीना आम महीनों की तरह ही रहता है उसकी वजह ये है कि इस महीने में ख़ास हुक्म जो अल्लाह के होते हैं उन पर अमल न करना जैसे रोज़ा और तरावीह छोड़ दी और जिन चीज़ों से अल्लाह ने रोका है उन पर ढिटाई के साथ चलते रहे
या रोज़ा रख रहे हैं और तरावीह भी पढ़ रहे हैं लेकिन उन तमाम गुनाहों से नहीं बच रहे हैं जिनसे बचे बगैर रोज़े का मक़सद हासिल हो ही नहीं सकता आप ख़ुद देख लें इस महीने में खाना जो हलाल था कुछ वक़्त के लिए उसको भी हराम कर दिया गया, तो जो चीज़ें पहले से ही हराम हैं उनका तो अब डबल नुक़सान होगा |
तो यहाँ पर मैं एक काम आप को बता रहा हूँ अगर आप उसका अहद कर लें तो यक़ीनन आप इस रमज़ान में इन्कलाब ले आयेंगे, और रोज़े का जो असल मक़सद है “तक़वा हासिल करना” उसकी तरफ क़दम बढ़ा देंगे और पिछले महीनों के मुकाबले इस महीने में तबदीली महसूस करेंगे
वो काम ये है कि इस महीने में आप एक चीज़ तय कर लें कि इंशाअल्लाह
कोई गुनाह नहीं करूंगा
1. वो गुनाह जो आँखों से होते हैं जैसे बद नज़री करना, ना महरम को देखना ( जिनको देखना शरीअत ने मना किया है ) सामने हो या स्क्रीन पर वगैरह, तो आप ये तय कर लें कि आँख ग़लत जगह नहीं जाएगी
2. वो गुनाह जो कानों से होते हैं, जैसे गीबत सुनना, किसी की पीठ पीछे बुराई सुनना, और जो चीज़ें इस्लाम में हराम हैं उन को सुनना, तो ये आप तय कर लें कि कान कुछ ग़लत बात नहीं सुनेंगे
3. वो गुनाह ज़ो ज़बान से होते हैं, जैसे गाली गलौच करना, झूट बोलना, किसी की बेइज्ज़ती करना, किसी को तकलीफ़ देने वाले जुमले कहना, झूटी क़सम खाना, तो आप ये तय कर लें कि ज़बान कुछ ग़लत बात नहीं बोलेगी
4. वो गुनाह जो खाने से होते हैं जैसे हराम खाना, धोका देकर या झूट बोलकर जो कमाई हासिल की वो हराम है, सूद की कमाई हराम है तो आप ये तय कर लें कि मुंह में हराम लुकमा नहीं जायेगा
अगर आप पूरे महीने तमाम गुनाहों से बच गए तो मुबारक हो कि ये रमजान आपके लिए हशर में अज़ाब से बचाने में मददगार साबित होगा अल्लाह हम सबको अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए |