Roza Chodne Ka Fidya Kise Kahte Hai
रोज़ा छोड़ने पर फिदया किसे कहते हैं ? और किसे देना होता है
आपने इस से पहली हमारी पोस्ट में पढ़ा कि रमज़ान का रोज़ा छोड़ देने में किन बातों से कफ्फारा वाजिब होता है और किन बातों से क़ज़ा वाजिब होती है अब आगे पढेंगे कि फिदया किस पर वाजिब होता है इसे समझना बहुत ज़रूरी है क्यूंकि हर कोई फिदया देकर छूट नहीं सकता |
फिदया ( Fidya ) क्या है ?
क़ुरान पाक में इरशाद है : फिदया एक मिस्कीन को खाना खिलाना है
यानि अगर एक रोज़ा छूट जाये तो आपको क़ज़ा नहीं करनी बस फिदया दे देना है, यानि एक रोज़े के बदले किसी मिस्कीन को दो वक्त पेट भर खाना खिलाना है, और अगर 2 रोज़े छूट जाएँ तो 4 वक़्त खाना खिलाना है इसी तरह आगे आप समझ लें |
फिदया कौन दे सकता है ?
अब आप ये समझें कि कौन फिदया दे सकता है, क्यूंकि हर कोई यूँ फिदया देकर छुट्टी नहीं पा सकता,बल्कि उसे छूटे हुए रोजों की क़ज़ा करनी पड़ेगी, कफ्फारा भी देना पड़ सकता है इस लिए इस मसअले को अच्छे से समझ लें | फिदया सिर्फ ये दो लोग दे सकते हैं …
1. बहुत ज़्यादा बूढ़ा शख्स
अगर कोई शख्स इतना बूढ़ा हो गया हो कि रोजा रखने की ताकत ना हो और रोज ब रोज उसकी सेहत घटती जा रही हो तो ऐसे शख्स को शेखे फ़ानी ( बहुत ज़्यादा बूढा ) कहते हैं उसको अपने हर दिन के रोजे की तरफ से फिदया देने की इजाजत है |
2. ऐसा मरीज़ जो न अब रोज़ा रख सकता और न आइन्दा रख सकता है
जैसे कोई शख्स (अल्लाह बचाए) ऐसी बीमारियों जैसे कैंसर, डायलिसिस का मरीज़ हो गया जिसके ठीक होने की कोई उम्मीद ही न हो, और बाद में छूटे हुए रोजों की क़ज़ा करना तो छोड़ो रोज़े रख भी न सकता हो तो ऐसा शख्स फिदया दे सकता है, लेकिन ऐसा बीमार नहीं जो बाद में ठीक हो जायेगा तो ऐसे शख्स को बाद में छूटे हुए रोज़े रखने पड़ेंगे |
फिद्या कितना देना पड़ेगा ?
जितना सद्क़तुल फ़ित्र एक आदमी की तरफ देते हैं उतना ही एक रोज़ा छूटने का फिद्या होगा जैसे गेहूं से फिद्या देंगे तो पौने दो किलो गेहूं देना पड़ेगा |
क्या खाना खिलाने के बदले अनाज दे सकते हैं ?
हाँ दे सकते हैं लेकिन बेहतर ये है कि जिस ग्रेड का खाना आप खाते हैं उसी ग्रेड में दो वक़्त का जोड़ जितना बनता हो उसका अनाज दे सकते हैं
कुरान की कोनसी सूरत से जादू भूत जीननात के असर को खत्म कर सकते हैं.
surah baqarah aur surah falaq aur surah naas ko pabandi se padha jaye to inshaallah ye problem hal ho jayegi
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