Sone Se Pahle Ki Sunnaten In Hindi |
सोने से पहले की सुन्नतें
इस दुनिया के अन्दर अरबो लोग ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं और उनके ज़िन्दगी गुज़रने का अपना तरीक़ा है लेकिन एक मुसलमान जब ज़िन्दगी गुज़ारता है तो वो अपने लिए नहीं बल्कि अपने नबी करीम (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) के तरीक़े पर ज़िन्दगी गुज़ारता है क्यूंकि जैसी ज़िन्दगी हमारे नबी ने गुज़ारी वही अल्लाह को पसन्द है
और सिर्फ़ अल्लाह को पसन्द ही नहीं है बल्कि अगर इन्सान नबी के बताये गए तरीक़े पर अमल करता है तो वो इस दुनिया में भी कामयाबी के मक़ाम हासिल करता है क्यूंकि नबी का बताया गया एक भी तरीका नुक़सान नहीं बल्कि फ़ायदे की तरफ़ लेकर जाता है दुनिया में भी और आख़िरत में भी, और इन्ही तरीक़ों पर ज़िन्दगी गुज़ार कर हमारे नबी आज अरबों लोगों के दिलों में राज कर रहे है
उन तरीक़ों में एक है सोना, आराम करना, दिन भर की थकन के बाद जब एक इन्सान रिलैक्स करने का इरादा करता है तो उसको किन किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में हमारे नबी करीम स.अ.ने कुछ हिदायतें फ़रमाई हैं जिनपर हम सब को अमल करना चाहिए तो आइये आज हम आपको हमारे नबी स.अ. की सोने से पहले की सुन्नतें ( Sone Se Pahle Ki Sunnaten In Hindi ) बताएँगे
Sone Se Pahle Ki Sunnaten In Hindi | सोने से पहले की सुन्नतें
1. बिस्मिल्लाह पढ़ कर घर के दरवाज़े बंद करना
जब कोई भी काम अल्लाह के नाम से शुरू किया है तो उसमें अल्लाह की मदद शामिल हो जाती है और घर का दरवाज़ा तो ऐसी चीज़ है जिससे वो चीज़ें भी दाखिल हो सकती हैं जो दिखती हैं और वो चीज़ें भी दाख़िल हो जाती हैं जो दिखती नहीं हैं इसलिए जब उन्हें बंद किया जाये तो अल्लाह का नाम लेकर बंद किया जाये ताकि कोई भी तकलीफदेह चीज़ उसमें दाख़िल न हो पाए
2. जल्द सोने की फ़िक्र करना और दुनिया की बातें ना करना
क्यूंकि दुनिया की बातों में लग कर हम देर से सोते हैं जिस से सुबह का वो बा बा बरकत वक़्त सोने में गुज़ार देते हैं और अल्लाह की नाफ़रमानी से दिन की शुरुआत होती है जबकि अगर जल्दी सोयें तो तहज्जुद और फ़ज्र में उठना आसान हो जाये
3. बा वुज़ू सोना
सोते वक़्त वज़ू करके सोने से पूरी रात इबादत में लिखी जाती है यानि हम सोते हुए भी इबादत कर सकते हैं और अल्लाह के यहाँ पूरी रात इबादत गुज़ारों की लिस्ट में नाम लिखा सकते हैं तो ये मौक़ा हरगिज़ न छोड़ें
4. मिस्वाक करना
मिस्वाक हमारे नबी स.अ. की बहुत अहम् सुन्नत है इसलिए वज़ू के वक़्त मिस्वाक का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए और जब सोने का इरादा करें तो उसवक्त भी मिस्वाक का इस्तेमाल न सिर्फ़ हमारे मुंह के लिए फ़ायदेमंद है बल्कि सवाब का भी जरिया है और इससे पहले हमने मिस्वाक की फ़ज़ीलत और फ़ायदे बयान किये हैं आप उनको ज़रूर पढ़ें
5. खाने पीने की चीज़ों को ढक देना
ताकि कोई नुकसानदेह चीज़ उसमें न जाये और हमारे लिए तकलीफ़ का सबब बने
6. चूल्हा मोमबत्ती, चिराग़ वगैरह बुझा देना
कहीं ऐसा न हो कि हम बेख़बर सो रहे हों और मामूली सी चिंगारी शोला बन जाये और वो शोला घर में आग लगने का सबब बन जाये इसलिए ऐसी ख़तरे की चीज़ को सोने से पहले ही ख़त्म कर दें और तब सुकून से सोयें
7. अल्लाह से सच्ची तौबा करना
नींद की आगोश में जाने से पहले अल्लाह से अपने तमाम गुनाहों की माफ़ी माँगना और अल्लाह से खैर की तलब करना ताकि वैसी ही हालात में अल्लाह से मिलें तो गुनाहों से पाक साफ़ हों
8. सब को माफ़ करना
अपने दिल में किसी के लिए जलन, हसद, गुस्सा, नफ़रत अगर हो तो उसको निकाल कर अपना दिल हल्का कर लें क्यूंकि ऐसा करने से दिल को बहुत इत्मिनान मिलता है और ये रोहानी बीमारियां है जिनको हम पालते रहते हैं और तकलीफ़ में रहते हैं मजीद ये कि ये चीज़ें गुनाह हैं तो इन चीज़ों को अपने अन्दर से निकाल कर नींद की आगोश में जाएँ
9. क़र्ज़ अपने जिम्मे हो तो उस के लिए वसिय्यत लिख कर सोना
ताकि अगर सोने की हालत में ही मौत आ जाये तो कम से कम क़र्ज़ का बोझ अपने सर न रह जाये और हदीस में है कि अल्लाह त आला कर्जदार के साथ होता है यहाँ तक कि वो अपना क़र्ज़ अदा कर दे जब कि वो क़र्ज़ ऐसी चीज़ के लिए न हो जिसको अल्लाह नापसन्द करे
10. तीन बार बिस्तर झाड़ना
ताकि बिस्तर से कोई भी तकलीफदेह चीज़ हटाई जा सके
11. तस्बीहे फ़ातमी पढ़ना
33 बार सुब्हानल लाह, 33 बार अल्हम्दुलिल लाह, 34 बार अल्लाहु अकबर पढ़ना ये एक ऐसा वजीफ़ा है जो कि अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपनी प्यारी बेटी हज़रत फ़ातिमा (रज़ियल लाहु अन्हा) को बताया था
12. आयतुल कुर्सी की तिलावत करना
जादू, जिन्नात, शैतान का एक बेहतरीन इलाज आयतुल कुर्सी जिसको हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद और सोते वक़्त पढने का मामूल बना लिया जाये तो यक़ीनन इन तमाम चीज़ों से बचना यक़ीनी हो जायेगा
13. आख़िरी तीन सूरतें 3,3 बार पढ़ कर हथेलियों पर फूँकना और बदन पर फेर लेना
सूरह इख्लास, सूरह फ़लक और सूरह नास पढ़ कर अपने बदन पर फेरने का मामूल हमारे नबी स.अ. का हमेशा से था और सूरह फ़लक और सूरह नास ही तो थी कि जब आप स.अ. पर जादू हुआ तो इन ही सूरतों को पढ़ कर उस जादू का खात्मा किया गया था
14. सूरह मुल्क और और अलिफ़ लाम मीम सज्दा पढ़ कर सोना
सोने से पहले कुछ सूरतें पढ़ कर सोना सुन्नत है उन में से दो सूरतें एक सूरह मुल्क और दूसरी अलिफ़ लाम मीम सज्दा है
15. सोने से पहले की दुआ पढ़ना
अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमूतु व अह्या ( ए अल्लाह मैं तेरे ही नाम से मरता हूँ और जीता हूँ
)
16. दाहिनी करवट पे किब्ला रूख़ लेटना
इस्लाम में दाहिनी जानिब को हमेशा फ़ज़ीलत रही है इसलिए सोने का इरादा करें तो बायीं करवट न सोकर दाहिनी करवट पे सोयें और पेट के बल न सोयें
अल्लाह हम सबको नबी करीम स.अ. की सुन्नतों पर अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए
आमीन