Sunnaten About Wife |
बीवी के बारे में ये 14 आम सुन्नतें हम भूल चुके हैं
बीवी होना एक मुश्किल काम है, आपको घर का काम संभालना होता है और बच्चों की देखभाल भी करनी होती है। लेकिन दूसरी ओर,इन बीवियों की जिम्मेदारियों में शौहरों की कुछ जिम्मेदारियां इस्लाम हमें बताता है जिसे हम पूरी तरह से भूल चुके हैं।
यहां 14 आम सुन्नतें हैं, जिन्हें हम भूल चुके हैं हालांकि एक शौहर को याद रखनी चाहियें जिन्हें आप भी पढ़ें और दूसरों से शेयर करें |
1. अपने से ज़्यादा उम्र की औरत से शादी करना सुन्नत है
जैसा कि मुहम्मद स.अ. ने हज़रत खदीजा (र.अ.) से निकाह किया था, उस वक़्त वह 40 वर्ष की थी और मुहम्मद स.अ. की उम्र मुबारक 25 साल की थी।
2. तलाकशुदा औरत से शादी करना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. तलाकशुदा से भी शादी की थी, ज़ैनब बिंत जहश (र.अ.) जो तलाकशुदा थीं, उन से मुहम्मद स.अ. ने शादी की।
3. विधवा ( बेवा ) से निकाह करना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. ने विधवाओं से भी निकाह किया, रमला बिन्त अबी सुफयान (र.अ.) एक विधवा थी।
4. अपनी बीवी / माँ / बहन को सफाई, धुलाई और खाना बनाने में मदद करना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. लोगों के कामों में बहुत मददगार थे इसी तरह जब बीवी की बात आती है, तो वह सफाई करते, और घर के दुसरे काम करते थे।
5. अपनी बीवी को अपने प्यार का इजहार करने के लिए अपने हाथों से खिलाना सुन्नत है।
अपनी बीवी को हाथ से खिलाने को हदीस में सदक़ा बताया गया है यानी ऐसा करने से सदके का सवाब मिलता है और बीवी भी आपके इस इज़हारे मुहब्बत से खुश होगी जो कि उसका हक है |
6. बीवी की तारीफ़ करना, उसे मुहब्बत से रखना और उसकी इज्ज़त करना सुन्नत है
जब औरतों और बीवियों की बात आती मुहम्मद स.अ. बहुत फिक्रमंद हो जाते थे, और हमेशा मुस्लिमों को घर में औरतों के साथ नर्म , रहमदिल मिज़ाज के साथ पेश आने को फ़रमाया और प्यार से रहने पर जोर दिया।
7. दूसरों की गलतियों को माफ करना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. ने उन लोगों को भी माफ़ किया जिन्हें माफ़ करना नामुमकिन था। इसलिए माफ़ करना आदत बना लीजिए अपने घर वालों पर थोड़ी सी बात पर गर्म हो जाना कोई मर्दानगी नहीं | अगर आप अपने नीचे वालों पर रहम नहीं करते तो ऊपर वाले से क्या उम्मीद लगायेंगे |
करो महेरबानी तुम अहले ज़मीन पर
खुदा महेरबान होगा अरशे बरीं पर
8. अपनी बीवी के बारे में सकारात्मक ( Positive ) रहना और ख़ुशगवार मूड में रहना सुन्नत है
अपनी बीवी को देखते हुए मुस्कुराना बहुत जरूरी है।
9. अपनी बीवी के पास ज़रुरत पड़ने पर हाज़िर रहें, और मुश्किल में उसे तसल्ली दें
इज्ज़त देने का मतलब यह नहीं है कि यह सिर्फ़ ज़ुबान से हो सकता है, इसका मतलब है कि आप हक़ीक़त में अपने जीवनसाथी की ख़ुशी में ख़ुश रहें और अगर वह दुखी है तो उसे दिलासा दें।
10. अपनी बीवी के साथ चंचल और जिंदादिल होना और उसके साथ क्वालिटी टाइम बिताना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. हज़रत आयशा (RA) के साथ दौड़ लगाते थे, तो वह क्या है जो आपको रोक रहा है? कुछ मजेदार वक़्त बीवी के साथ गुज़ारना एक सुन्नत है।
11. अपनी बीवी की गोद में लेटना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. हज़रत आयशा (र.अ.) की गोद में सर रख कर लेटना पसंद करते थे। यहां तक कि आप गोद में सर रख कर कभीकभार कुरान की तिलावत भी किया करते थे |
12. अपनी बीवी से मुहब्बत का इजहार करने के लिए उसे खूबसूरत नामों से बुलाना सुन्नत है
यह भी एक मुहब्बत की अलामत है।
13. अपने परिवार या करीबी दोस्तों के साथ अपने वाइफ के निजी मामलों पर बात न करें
अफसोस की बात है, कुछ लोगों को गपशप पसंद है और वो बातचीत को जारी रखने के लिए कुछ भी ले आते हैं। अपने और बीवी के पर्सनल मामले अपने ही तक रखें दूसरों से शेयर करने से बचें ।
14. अपनी बीवी के माँ-बाप की इज्ज़त करना सुन्नत है
मुहम्मद स.अ. ने जैसा कि हमें सभी का सम्मान करना सिखाया इसी तरह बीवी के माँ बाप और उस के दोस्तों का भी ख़याल रखना बताया है ।
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