Surah Ad-Duha With Translation In Hindi
सूरह दुहा तर्जुमा के साथ | Surah No. 93
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
1. वद दुहा
चढ़ते हुए रोशन दिन की क़सम
2. वल लैलि इजा सजा
और रात की क़सम जब कि छा जाये
3. मा वद दअका रब्बुका वमा क़ला
आप के रब ने न आप को छोड़ा और न आप से नाराज़ हुआ
4. वलल आखिरतु खैरुल लका मिनल ऊला
और बाद में आने वाले हालत आप के लिए पहले वाले हालात से ज़्यादा बेहतर हैं
5. व लसौफ़ा युअ’ तीका रब्बुका फतरदा
और जल्द ही आप का रब आपको इतना नवाजेगा कि आप खुश हो जायेंगे
6. अलम यजिद्का यतीमन फआवा
क्या उसने आपको यतीम नहीं पाया तो उसने ठिकाना दिया
7. व वजदाका दाललन फ हदा
आपको रास्ते से नावाकिफ़ पाया तो रास्ता दिखाया
8. व वजदाका आ इलन फअग्ना
आप को ग़रीब पाया तो दौलतमंद कर दिया
9. फ अम्मल यतीमा फ़ला तक्हर
अब जो यतीम है उस पर सख्ती मत करना
10. व अम्मस सा इला फ़ला तन्हर
और मांगने वाले को झिड़कना नहीं
11. व अम्मा बि निअ’मति रब्बिका फ हददिस
और जो तुम्हारे परवरदिगार की नेअमत है उसका तज़करा करते रहना
ये सब सूरह कब नाज़िल हुई ?
हज़रत बिन जुन्दुब बिन सुफियान र.अ. से रिवायत है, कि रसूल्लुल लाह (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) बीमार पड़ गए और दो तीन दिन तक तहज्जुद न पढ़ सके, एक औरत आई उसने कहा ए मुहम्मद ! मेरा ख्याल है कि तेरे शैतान ने तुझे दो तीन रातों से छोड़ रखा है और तुम्हारे करीब नहीं आया तब ये सूरह नाज़िल हुई और ये औरत अबू लहब कि बीवी थी जो ईमान नहीं लाये थी (ये हदीस तफ़सीर क़ुरतुबी में शामिल है )|
क्यूँ ये सूरह नाज़िल हुई ?
अबू लहब कि बीवी ने जो गुस्ताखी भरे अलफ़ाज़ और इलज़ाम लगाये थे उसको रद करने के लिए और नबी की तसल्ली और दिलदारी के लिए ये सूरह नाज़िल हुई |
आयत न. 1,2,3,
इस सूरह में अल्लाह तआला ने रात और दिन की क़सम खा कर नबी स.अ. को ये यक़ीन दिलाया है कि आप के रब ने न आप को छोड़ा है और न आप से नाराज़ हुआ यक़ीनन वो आप के साथ है |
आयत न. 4
बाद में आने वाले हालात का मतलब आख़िरत की नेअमतें भी हो सकती हैं और ये भी हो सकता है कि आख़िरकार ये तकलीफें ख़त्म होने के बाद आप ही का बोलबाला होगा |
आयत न. 5
आप का रब आपको इतना नवाजेगा कि आप खुश हो जायेंगे का मतलब है कि आप की पसंदीदा चीज़े इतनी दे देगा कि आप खुश हो जायेंगे और वो पसंदीदा चीज़ों में दीन इस्लाम की तरक्क़ी, और उसका दुनिया में फैलना, दुश्मनों पर ग़ालिब आना, और अल्लाह का कालिमा बलंद करना सब दाखिल हैं
हदीस में है कि नबी स.अ. ने फ़रमाया कि मैं उस वक़्त तक राज़ी नहीं हूँगा जब तक मेरी उम्मत में से एक आदमी भी जहन्नम में रहेगा ( क़ुरतुबी )
आयत न. 6 से 8 में अल्लाह ने तीन नेअमतों को गिनाया है
- पहली नेअमत : आप यतीम थे, और अरब में यतीमों का हाल बहुत ख़राब था लेकिन अल्लाह तआला ने आप के चचा अबू तालिब के दिल में ऐसी मुहब्बत डाली कि उन्होंने एक बाप की तरह नबी आप की परवरिश की
- दूसरी नेअमत : आप अगरचे शिर्क और कुफ्र से महफूज़ थे लेकिन हक़ रास्ते से बेखबर थे, तो अल्लाह ने आपको पैग़म्बर बनाया जिस से बढ़कर कोई दर्जा हो ही नहीं सकता
- दूसरी नेअमत : आप ग़रीब थे, हम ने आपको दौलतमंद कर दिया और इसका ज़रिया हज़रत ख़दीजा र.अ. को बनाया जो कि एक अमीर खातून थीं और जब उन्होंने नबी स.अ. से निकाह किया तो अपना सारा माल नबी के क़दमों में डाल दिया
आयत न. 9 से 11 में इरशाद फ़रमाया कि…
9. अल्लाह ने यतीमी में आपको सहारा दिया तो आप भी यतीमों के साथ अच्छा सुलूक करें इसी लिए हम देखते हैं कि हमारे नबी स.अ. ने यतीमों के साथ अच्छे सुलूक की ख़ूब तलकीन की है हदीसों में कई बार इसका ज़िक्र मिलता है
10. और जब ग़रीबी में आपको दौलत से नवाज़ा तो किसी सवाल करने वाले को झिड़किये नहीं बल्कि कुछ न कुछ देकर वापस करें या अगर न दे सकें तो नरमी से उज्र या मअज़रत कर लें
11. जब अल्लाह ने आपको पैगमबरी से और उन तालीमात से नवाज़ा है जिस से लोग महरूम हैं तो आप भी तो आप भी इन तालीमात को लोगों तक पहुंचाएं
( देखें : आसान तफसीर )
Shukaran jo apne y site hm sb ke liya bnnani
Allah kre apki jo Tamanna hi y murad hi o jald se jald puri ho ammin .
Aamin
Subhan Allah
Ye site Puri Qur’an ki ayat dalo jazakallah .sari ayat dalo pdne m asani ho jisse sbko
Ye site Puri Qur’an ki ayat dalo jazakallah .sari ayat dalo pdne m asani ho jisse sbko
MashALLAH bht hhi khubsurat site hai aap ki bht behtarin tarike se aap ne side ko sajaya hai ALLAH PAK aap ke ilm me or izafa kre or aap ko or aap ke ghr walo ko sehtiyab rakhe Ameen
shukriya bhai, khoob share kariye isko
अस्सलामुअलैकुम
अल्लाह के कलाम को आम लोगों तक समझ के साथ पहुंचाने का आपका यह काम बहुत ही अच्छा है /
मुझे इससे सीखकर याद करने की तोफीक मिली/
अल्लाह आपके इल्म में और इजाफ़ा करे /आमीन
Asslamu alaikum
walaikumus salam warahmatul lahi wa barakatuh
Surah odduha ka tarjuma aaj Maine pahle baar Parha. Aankhein ashkbaar huin . Kaali January hui. Zazakallah.
Surah odduha ka tarjuma aaj Maine pahle baar Parha. Aankhein ashkbaar huin . Kaafi Jajkari hui. Zazakallah.
Assalam alaikum Bhai aapka bahat bahat sukriya bhai jo ye Surah Dali hai iske Karan Mai aj Sikh paya hu
Aur Allah ka v bahat sukr hai mujhpar ki Mai yeha tak pahuncha