Surah Ash-Shams Hindi With Translation | सूरह शम्स हिंदी तर्जुमे के साथ

Surah Ash-Shams Hindi With Translation

सूरह शम्स हिंदी तर्जुमे के साथ

ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम

बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम

1. वश शम्सि व दुहाहा

क़सम है सूरज की और उसकी रौशनी की

2. वल क़मरि इज़ा तलाहा

और चाँद की जब वो सूरज के पीछे आये

3. वन नहारि इज़ा जल लाहा

दिन की जब सूरज को ख़ूब रौशन कर दे

4. वल लैलि इज़ा यगशाहा

रात की जब वो सूरज को छिपा ले

5. वस समाइ वमा बानाहा

आसमान की और उसके बनाने वाले की

6. वल अरदि वमा तहाहा

ज़मीन और उसके बनाने वाले की

7. व नफ्सिव वमा सव वाहा

और इन्सान की जान की और उस ज़ात की जिस ने उसको ठीक ठीक बनाया

8. फ़ अल्हमाहा फुजूरहा व तक्वाहा

फिर उसको उसकी बद्किरदारी और परहेज़गारी समझा दी

9. क़द अफ्लहा मन ज़क्काहा

यक़ीनन जिस ने नफ्स को संवार लिया

10. वक़द खाबमन दस्साहा

और जिस ने उसको ख़ाक में मिला दिया (यानि अपनी ख्वाहिशात का गुलाम बना रहा ) वह घटे में रहा

11. कज्ज़बत समूदु बितग वाहा

समूद ने तो अपनी सरकशी की वजह से (पैग़म्बर ) को झुटला दिया

12. इज़िम बअसा अश क़ाहा

जब उनका सब से बदतरीन शख्स उठ खड़ा हुआ

13. फ़ क़ाल लहुम रसूलुल लाहि नाक़तल लाहि व सुक्याहा

तो अल्लाह के पैग़म्बर ने उन से कहा : ख़बरदार ! अल्लाह की ऊंटनी का और उसके पानी पीने का पूरा ख़याल रखना

14. फ़ कज्ज़बूहु फ़ अक़रूहा फ़दमदमा अलैहिम रब्बुहुम बिज़म बिहिम फ़सव्वाहा

फिर भी उन लोगों ने पैग़म्बर को झुटलाया, और उस ऊंटनी को मार डाला, तो उन के परवरदिगार ने उन के गुनाहों की पादाश में उन पर अपना अज़ाब नाज़िल कर दिया चुनांचे सब को मलियामेट कर के रख दिया

15. वला यख़ाफु उक्बाहा

और अल्लाह को उसके किसी बुरे अंजाम का कोई खौफ़ नहीं है

शम्स का क्या मतलब है ?

सूरज को अरबी में “शम्स” कहते हैं और उसी के नाम पर इस सूरह का नाम सूरतुश शम्स है

इस सूरह में 6 चीज़ों की क़सम खायी गयी है

सूरज, चाँद,  दिन, रात,  ज़मीन,  आसमान

आयत न. 1 से 8 : मतलब ये है कि जिस तरह अल्लाह तआला ने सूरज की रौशनी पैदा की है वैसे ही रात का अँधेरा भी, इसी तरह इंसान को नेकी के कामों की सलाहियत दी है और बदी ( बुरे ) के कामों की भी, अब इंसान का काम है कि नेक कामों पर अमल करे और बुराई से अपने आपको रोके |

आयत न. 9 : नफ्स को पाकीज़ा बनाने का मतलब है कि दिल में जो अच्छे जज़्बात उभरें उन पर अमल करे और जो बुरे जज़्बात पैदा हों उन्हें दबाये इसी तरह बराबर करते रहने से नफ्स पाकीज़ा हो जाता है

आयत न. 11 : कौमे समूद के मांगने पर अल्लाह त आला ने एक ऊंटनी पैदा फरमा दी और लोगों से कहा : एक दिन कुंए से ये पानी पिएगी और एक दिन तुम भर लिया करना लेकिन उस कौम का संगदिल शख्स उठा और ऊंटनी को क़त्ल कर दिया फिर उस कौम पर अल्लाह त आला ने ऐसा अज़ाब नाज़िल किया जिस से सब फ़ना हो गए और कोई बाक़ी नहीं बचा

देखें : आसान तफ़सीर

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