Surah Mutaffifeen Translation Hindi |
सूरह मुतफ़फ़िफीन तरजुमा और तशरीह
आख़िरी पारा ( 30 वां ) की सूरह मुतफ़फ़िफीन जिस में 36 आयतें और एक रुकू है, आज हम सूरह मुतफ़फ़िफीन तरजुमा और तशरीह ( Surah Mutaffifeen Translation Hindi ) के साथ पढ़ेंगे जिससे हमें मालूम होगा कि इस सूरह में अल्लाह त आला ने हमें क्या पैग़ाम दिया है और इस सूरह को नाज़िल करने के पीछे क्या वजह थी और क्या असबाब थे |
सूरह मुतफ़फ़िफीन तरजुमा और तशरीह
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
1. वैलुल लिल मुतफ़ फ़िफ़ीन
नाप तौल में कमी करने वालों के लिए बड़ी हलाकत है
2. अल्लज़ीना इज़क तालू अलन नासि यस्तौफून
जिन का हाल ये है कि जब वो लोगों से ख़ुद कोई चीज़ नाप तौल कर लेते हैं तो पूरी पूरी लेते हैं
3. व इज़ा कालूहुम अव वज़नूहुम युख्सिरून
और जब वो किसी को नाप तौल कर देते हैं तो घटा कर देते हैं
4. अला यज़ुन्नु उलाइका अन्नहुम मबऊसून
क्या उनको इस बात का यक़ीन नहीं कि वो दोबारा जिंदा किये जायेंगे
5. लियौमिन अज़ीम
एक बहुत ही सख्त दिन में
6. यौमा यकूमुन नासु लिरब बिल आलमीन
जिस दिन तमाम लोग सारे जहाँ के परवरदिगार के सामने खड़े होंगे
7. कल्ला इन्ना किताबल फुज्जारि लफ़ी सिज्जीन
सुन लो ! कि बदकार लोगों का नामए आमाल सिज्जीन में है
8. वमा अदराका मा सिज्जीन
और क्या तुम्हें मालूम है कि सिज्जीन क्या चीज़ है
9. किताबुम मरक़ूम
वो एक लिखी हुई किताब है
10. वैलुय यौम इज़िल लिल मुकज़ज़िबीन
उस दिन बड़ी ख़राबी होगी झुटलाने वालों की
11. अल्लज़ीना युकज ज़िबूना बियौमिद दीन
जो बदले के दिन को झुट्लाते हैं
12. वमा युकज्ज़िबू बिही इल्ला कुल्लू मुअ’तदिन असीम
और उस दिन को वही झुटलाता है जो हद से गुज़रा हुआ गुनाहगार हो
13. इज़ा तुतला अलैहि आयातुना क़ाला असातीरुल अव्वलीन
उसे जब हमारी आयतें पढ़ कर सुनाई जाती हैं तो वो कहता है कि ये तो पिछले लोगों की कहानिया हैं
14. कल्ला बल रान अला क़ुलूबिहिम मा कानू यक्सिबून
हरगिज़ ऐसा नहीं है, बल्कि उनकी बद आमालियों ने उनके दिलों पर ज़ंग चढ़ा दिया है
15. कल्ला इन्नहुम अर रब बिहिम यौम इज़िल लमह जूबून
हरगिज़ नहीं ! हक़ीक़त ये है कि ये लोग उस दिन अपने परवरदिगार के दीदार से महरूम कर दिए जायेंगे
16. सुम्मा इन्नहुम लसालुल जहीम
फिर उनको दोज़ख़ में दाखिल होना पड़ेगा
17. सुम्मा युक़ालु हाज़ल लज़ी कुन्तुम बिही तुकज़ ज़िबून
फिर उन से कहा जायेगा : ये है वो चीज़ जिस को तुम झुटलाया करते थे
18. कल्ला इन्ना किताबल अबरारि लफ़ी इल लिय यीन
ख़बरदार ! नेक लोगों का आमाल नामा इललिय यीन में है
19. वमा अद राका मा इल लिययीन
और क्या तुम्हें मालूम है कि इल लिययीन क्या चीज़ है
20. किताबुम मरकूम
वो एक लिखी हुई किताब है
21. यश हदुहुल मुक़र रबून
जिस के पास मुक़र्रब फ़रिश्ते हाज़िर रहते हैं
22. इन्नल अबरार लफ़ी नईम
इस में कोई शक नहीं कि नेक लोग आराम में रहेंगे
23. अलल आरा इकि यनज़ुरून
वो मसेह्रियों पर बैठे देख रहे होंगे
24. तअ’रिफु फ़ी वुजू हिहिम नजरतन नईम
आप उन के चेहरों से ही आराम व राहत की तरोताजगी मालूम कर लेंगे
25. युसक़ौना मिर रहीक़िम मख्तूम
उनको मुहर बंद बोतल से ख़ालिस शराब पिलाई जाएगी
26. खितामुहू मिस्क, वफ़ी ज़ालिका फ़ल य-तना फसिल मु तनाफ़िसून
उसकी मुहर भी मुश्क ही होगी, और यही वो चीज़ है जिस पर ललचाने वालों को बढ़ चढ़ कर ललचाना चाहिए
27. व मिज़ाजुहू मिन तसनीम
और उस शराब में तसनीम का पानी मिला हुआ होगा
28. ऐनै यशरबु बिहल मुक़र रबून
जो एक ऐसा चश्मा है जिस से अल्लाह के मुक़र्रब बन्दे पानी पियेंगे
29. इन्नल लज़ीना अजरमू कानू मिनल लज़ीना आमनू यज्हकून
जो लोग मुजरिम थे वो ईमान वालों पर हंसा करते थे
30. वइज़ा मर्रू बिहिम यतगा मज़ून
और जब ईमान वालों के पास से गुज़रते थे तो एक दुसरे को आँखों ही आँखों में इशारा करते थे
31. व इज़न क़-लबू इला अहलिहिमुन क़लबू फ़किहीन
और जब अपने घर वालों के पास जाते थे तो दिल लगी करते हुए जाते थे
32. वइज़ा रऔहुम क़ालू इन्ना हा उलाइ लदाल लून
और जब उन (मोमिनों) को देखते तो कहते कि ये लोग यक़ीनन गुमराह है
33. वमा उरसिलू अलैहिम हाफिज़ीन
हालांकि उनको मुसलमानों पर निगरान बना कर नहीं भेजा गया है
34. फ़ल यौमल लज़ीना आमनू मिनल कुफ्फारि यद् हकून
आखिर होगा ये कि आज ईमान वाले काफ़िरों पर हंस रहे होंगे
35. अलल अरा..इकि यनज़ुरून
वो मसेह्रियों पर बैठे देख रहे होंगे
36. हल सुव विबल कुफ्फारू मा कानू यफ़अलून
कि काफ़िर लोगों को वाक़ई उन कामों का बदला मिल गया जो वो किया करते थे
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Surah Mutaffifeen Transliteration | सूरह मुतफ़फिफीन तशरीह
आयत न.1 से 3 तक : इन आयातों में उन लोगों के लिए बड़ी सख्त वईद बयान फरमाई गयी है जो दूसरों से अपना हक़ वसूल करने में तो बड़ी सरगर्मी दिखाते हैं लेकिन जब दूसरों का हक़ देने का वक़्त आता है तो डंडी मारते हैं
ये वईद सिर्फ़ नाप तौल से रिलेटेड ही नहीं बल्कि इसमें वो तमाम चीज़ें शामिल हैं जो हाथ या गज़ से नापी जाती हों या गिन कर तादाद मालूम की जाती हो या किसी मशीन से हो या ख़ुद इन्सान के हाथ से हो |
आयत न. 5 से 6 तक : कुरआन ने एक बात कही है कि इस से वही शख्स बच सकता है जिसको आखिरत का यक़ीन हो, क्यूंकि अगर आखिरत का यक़ीन ना हो तो इन्सान की आँखों पर भी पर्दा डाला जा सकता है और कानून को धोका दिया जा सकता है
आयत न. 7 से 13 तक : सिज्जीन के असल मानी क़ैद खाने के हैं गोया जिस दफ्तर में बदकार लोगों के आमालनामे रखे जायेंगे उस का नाम सिज्जीन है
आयत न. 14 से 17 तक : जैसे पानी लोहे पर ज़ंग चढ़ा देता है ऐसे ही गुनाह से इन्सान के दिलों पर ज़ंग चढ़ जाता है जैसे कि हदीस में हज़रत अबू हुरैरा र.अ. से रिवायत है कि रसूलुल लाह स.अ. ने फ़रमाया : बंदा जब गुनाह करता है तो उसके दिल पर सियाह धब्बा पड जाता है फिर अगर उससे बाज़ आ गया और तौबा कर लिया तो दिल से साफ़ हो जाता है और अगर उसी गुनाह को बार बार करता रहा तो ज़ंग उसके पूरे दिल पर छा जाता है
आयत न. 18 से 20 तक : जैसे गुनाहगार लोगों के आमालनामे सिज्जीन में रखे जाते हैं वैसे ही नेक लोगों के आमालनामे इललिय यीन में रखे जाते हैं
आयत न. 21 : मोमिनों का आमालनामा चूंकि नेकियों पर मुश्तमिल होता है इसलिए फ़रिश्ते उसे बहुत ही एज़ाज़ के साथ उसको देखते हैं और देखने का मतलब निगरानी भी हो सकता है
आयत न. 22 से 24 तक : यानि जन्नत के नज़रों को और अल्लाह की नेअमतों को और दोज़खियों पर होने वाले अज़ाब को वो देखते होंगे
आयत न. 27 से 28 तक : तसनीम जन्नत के एक चश्मे का नाम है उसका पानी जब उस शराब में जब मिलाया जायेगा तो उसके ज़ायक़ा और लुत्फ़ में बहुत इज़ाफ़ा कर देगा
और जानने के लिए कुरआन की तफ़सीर पढ़ें