Thajjud Ki Namaaz Ka Time, Tariqa, Rakaats | Hindi

Thajjud Ki Namaaz Ka Time, Tariqa, Rakaats | Hindi

 नमाज़े तहज्जुद

हदीसों से मालूम होता है की रात के आखिरी हिस्से में अल्लाह तआला अपने पूरे लुत्फो करम और अपनी ख़ास शाने रहमत के साथ अपने बन्दों की तरफ मुतवज्जेह होते हैं, और जिन बन्दों को अल्लाह ने इस बात का कुछ अक्ल और शुऊर बख्शा है तो वो इस मुबारक वक़्त में तहज्जुद की नमाज़ ( Tahajjud Ki Namaaz ) बरकतों को महसूस करते हैं |

और इसीलिए वो बिस्तरों को छोड़ देते हैं और शैतान के किये कराये पर पानी फेर कर वज़ू करके अल्लाह के सामने हाथ बाँध कर खड़े हो जाते हैं और इस मुबारक वक़्त में अल्लाह के सामने रुकू करते हैं सज्दा करते हैं और अपने गुनाहों पर रोते हैं और अपनी मगफिरत की दुआ करते हैं जिसका नतीजा ये होता है कि अल्लाह ऐसे लोगों के चेहरों पर एक ख़ास क़िस्म का नूर अता फरमा देते हैं |

 तहज्जुद से रिलेटेड कुछ हदीसें

 

पहली हदीस :

 

दूसरी हदीस 

 

 

Tahajjud Ki Namaz Ka Time | तहज्जुद की नमाज़ का वक़्त

आधी रात के बाद सोकर उठने से लेकर सुबह सादिक तक होता है इसको अगर आसानी से समझें तो जो वक़्त आपके यहाँ सहरी ख़त्म होने का होता है बस उस से पहले का एक घंटा सब से अच्छा वक़्त है कि उस में तहज्जुद पढ़ी जाये और अल्लाह की इबादत की जाये और ये रात का तिहाई हिस्सा होता है |

Tahajjud Ki Niyat Kaise Karen | तहज्जुद की नियत का तरीक़ा

नमाज़े तहज्जुद नफ्ल नमाज़ है इसलिए दो रकात नफ्ल नमाज़ ( तहज्जुद ) की नियत करें जैसे आप और नमाज़ों की नियत करते हैं |”नियत करता हूँ मैं दो रकात नफ्ल नमाज तहज्जुद वास्ते अल्लाह त आला के रुख मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़”, अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बाँध लें

Tahajjud Me kitni Rakaten padhen | कितनी रकातें तहज्जुद में पढ़ें 

 तहज्जुद की कम से कम दो रकात और औसतन आठ और ज्यादा से ज्यादा बारह रकातें हैं, हमारे नबी मुहम्मद (सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम) की आदत मुबारका आठ रकात पढ़ने की थी और कभी कभार बारह भी पढ़ते थे लेकिन आम आदत आठ रकात की ही थी तो इसलिए आप ज़्यादा से ज़्यादा 12 भी पढ़ सकते हैं और कम से कम दो रकात भी पढ़ सकते हैं

मसअला : अगर कोई शख्स तहज्जुद पढ़ रहा हो और पढ़ते में ही फज्र की अज़ान हो जाये या किसी और तरह से पता चले की सुबह सादिक हो गयी है तो ऐसी सूरत में अपनी नमाज़ पूरी कर ले

Tahajjud Me Quran |  तहज्जुद में कुरान कैसे पढना चाहिए

अबू हुरैरा र.अ. से रिवायत है कि नबी स. अ. रात की नमाज़ में कुरान कभी बलंद आवाज़ से पढ़ते थे और कभी धीरे से पढ़ते थे, तो अगर आप के आस पास कोई सो न रहा हो तो तेज़ आवाज़ में पढ़ सकते हैं नहीं तो धीरे ही पढ़ें ज़्यादा बेहतर है, क्यूंकि अगर आपके तेज़ कुरान पढ़ने से किसी की नीन्द में ख़लल पैदा हुआ तो तहज्जुद की फ़ज़ीलत हासिल नहीं होगी क्यूंकि आप किसी को दिक्क़त में डाल कर अल्लाह की इबादत करना ये हर हाल में ग़ैर मुनासिब है

तहज्जुद में कौन सी सूरतें पढ़ें ?

किसी भी नमाज़ के लिए कोई ख़ास सूरह तय नहीं है अआप क़ुर आन की कोई भी सूरह पढ़ सकते हैं अगर कोई सूरह बड़ी हो तो उसका कुछ हिस्सा भी पढ़ सकते हैं, खुलासा ये है कि पूरे कुरान में जहाँ से चाहें पढ़ सकते हैं अगर आपको छोटी सूरतें ही याद हैं तो कोई बात नहीं है आप छोटी सूरतें ही पढ़ लें

हाँ, कुछ बुज़ुर्गाने दीन तहज्जुद की नमाज़ में सूरह यासीन को आठ रकात में बाँट कर पढ़ते थे यानि पहली रकात में कुछ आयतें पढ़ीं फिर दूसरी रकात में कुछ आयतें पढ़ीं इस तरह आठ रकात में वो सूरह यासीन ख़त्म करते थे, अगर हो सके तो आप भी ऐसा करें वरना जो सूरत भी याद हो पढ़ सकते हैं |

तहज्जुद की नमाज़ और नींद

कोई शख्स नमाज़ पढ़ रहा हो और उस पर नींद तारी हो तो उस के लिए सो जाना बेहतर है

हदीस में है कि नबी स. अ. ने फ़रमाया जब तुम में से किसी को नमाज़ में नींद आ जाये तो वो सो जाये जब तक उस की नींद चली जाये क्यूंकि जब नमाज़ पढ़ते वक़्त नींद आ रही हो, तो हो सकता है कि इस्तिग्फार के बजाये वो अपने आप को गालियाँ दे रहा हो |

क्या तहज्जुद के लिए थोड़ी देर सोना ज़रूरी है ?Tahajjud ke Liye Sona

नहीं, सोना बिलकुल ज़रूरी नहीं है हाँ अफज़ल और बेहतर यही है कि सोकर उठें तब पढ़ें लेकिन अगर आप रात भर जगे हैं और सोच रहे हैं कि तहज्जुद पढ़ लें तो बगैर कोई शक के आप अल्लाह की इबादत यानि तहज्जुद में लग जाइये

क्या सोने से पहले तहज्जुद पढ़ सकते हैं ? Sone Se Pahle Tahajjud

अगर आप12 या 1 बजे देर से सो रहे हैं, और आप को ख़तरा है कि नीन्द खुलेगी कि तब तक तहज्जुद का वक़्त ख़त्म हो जायेगा, या नीन्द की वजह से तहज्जुद छूट सकती है तो बेहतर है कि आप कुछ रकातें तहज्जुद की नियत से पढ़ लें उलमा फ़रमाते है कि इस से भी तहज्जुद की फ़ज़ीलत हासिल हो जाएगी

अगर आप तहज्जुद के लिए उठ न पते हों तो बेहतर है कि ईशा की नमाज़ अदा करते वक़्त नमाज़े वित्र से पहले चार रकात ( दो दो रकात कर के ) तहज्जुद की नियत से पढ़ ले, फिर नमाज़े वित्र पढ़े तो इंशाअल्लाह उस को नमाज़े तहज्जुद का सवाब मिल जायेगा अगरचे वैसा सवाब न होगा जो सोकर उठने के बाद पढने का है |

तहज्जुद के लिए कैसे उठें ? Tahajjud Ke Liye Kaise Uthen ?

इस के लिए कुछ बुजुर्गों ने ये वज़ीफ़ा बताया है कि सूरह कहफ़ की आखिरी पांच आयात इन्नल लज़ीना से आखिर तक सोते वक़्त पढ़ ले तो उसकी हिफाज़त होगी और वो रात में जब चाहेगा उठ जायेगा या सूरह ज़िल्ज़ाल तीन मरतबा पढ़ कर सो जाने से आदमी जब चाहे उठ सकता है इंशाअल्लाह किसी को जगाने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी

क्या तहज्जुद का बदल किसी अमल में है ?

रात के तिहाई हिस्से में उठ कर अल्लाह को याद करने का बदल हो ही नहीं सकता लेकिन कुछ चीज़ें मन्कूल हैं जो इख्तियार की जाएँ तो उस का सवाब मिल सकता है |

रात में सोते वक़्त सूरह बकरा की आखिरी दो आयत पढ़ कर सोना तहज्जुद का बदल है | या तहज्जुद छूट जाने पर जुहर से पहले या चाश्त के वक़्त चार रकात पढ़ ले तो भी तहज्जुद का सवाब मिलेगा |

मुसाफिर शब् को उठते हैं जो जाना दूर होता है

क्या आप दीन के बारे में और जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर जाएँ

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44 Comments on “Thajjud Ki Namaaz Ka Time, Tariqa, Rakaats | Hindi”

      1. jab sahri ka waqt khatm hota hai to tahajjud ka waqt bhi khatm ho jata hai, isliye sahri ke baad agar tahajjud ka waqt hai to padh sakte hai,

  1. Kya tahajjud ki namaz me sirf 2 rakat ki hi niyat karni hoti he 4 rakat nifal nahi hoti he kya ….islah kare

      1. Asslamu alekum, भाई तहाजुद की नमाज के लिए सो कर उठना जरूरी हे या फिर पुरी रात जगने के बाद भी पढ़ सकते हे

  2. बहुत अच्छा बताया भाई में अभी तहजुद ही पड़ने वाला हूं

  3. Tahajjud ki niyat me wqt bhi btana. Hota h ky ..jaise ki .mai niyat krti. Do rakt nmaz wqt tahjjud ka nafil tahjjud waste Allah talah ke …aise hi niyat krti h ya bina btaye niyat krni h … Plz mujhe btaye

    1. sirf do rakat nafl kah dena kafi hai agar aap waqt bhi mila le to achchi baat hai warna aap uthi to hain tahajjud padhne ke liye hi na to bas itni niyat kafi ho jati hai.

  4. Assalamualaikum bhai bhai mai roz to ye namaz bhi padh pata per ha ALLAH ke karam se jab bhi koi sab jagta hu to padhta hu …. Bhai 1 question h … Mujhe kisi ne isko padhne ka tareeka bataya tha ki 2 ,2 raqat ki niyat band ker namaz padhe … Jisme pehli raqat me 12 sureh fateeha ke bad 12 bar sureh ekhlas doosri raqat me 11 bar …phir 2 raqat h usme 10 bar or 9 bar issi tarah last time me 1 bar taq aa jayege sureh ekhlas bhai ye tareeqa shi h … Ye bade agar app ko confession na ho isme to hi bataye

    1. walaikumus salam mere bhai, jahantak tahajjud me kuch khaas sooraten padhne ki baat hai to nabi se ya sahaba se aisa saabit nahi hai aap choti ya lambi soorah jo chahen padh sakte hain
      han, aap ko jo tareeqa bataya gaya hai ho sakta hai kisi buzurg ka amal ho aur kisi kitab me ho to wo aap kar sakte hain
      lekin behtar ye hai ki is namaz ko itni sooraten padh kar mushkil n bana den ki baad men padhne ki himmat hi na ho
      agar aap kar sakte hai to karen

    1. walaikumus salam, ji bilku, jaise aur doosri namazen padhte hain waise hi ye namaz hai bas ye subah hone pahle hi padhi ja sakti hai

  5. Assalamo-Alaikum bhai,
    Kya Salatul Tahajjud ko 4 parts me baat sakte hain kya? Jaise ki-
    1. Salatul Tahajjud – 8 Rakats
    2. Salatul Shafa – 2 Rakats
    3. Salatul Nawafiletul-Layl – 2 Rakats
    4. Salatul Witr – 1 Rakat
    Total = 13 Rakats.

    Aur 4 parts ka Aarbi me Niyats bhi bata den.

    Maine kahin parah tha is tarike ke baare me. Kya ye sahi tarika hai?

    1. walaikumus salam
      mere bhai, witr ko chod kar aapne jin namazon ka zikr kiya wo sab nafl namazen hai, agar aapne nafl ki niyat karke 12 rakat padh li to kafi hai, khaas kar niyat karte waqt salatush shafa nawafilatul lail kahna zaroori nahin hai, aur jahan tak rahi witr ki baat to agar aap ne isha me nahin padhi to uski niyat kar ke witr padh li jayegi
      behtar ye hai ki nafl ki niyat karke jitni rakat aap poori tawajjo se padh sakte hain padh len kyunki agar aap nafl par nafl jaldi jaldi padhe ja rahe hain aur tawajjo allah ki taraf sahi tareqe se nahin hai to aap asal fayda is namaz ka nahin utha sakte

  6. As Salamu Alaikum Bhai…..
    Bhai agar mai nhi soya aur tehjud ki namaj ka time ho gya to kya mai namaj ada kr sakta hu kya?

    1. han bilkul ada kar sakte hain
      agar aap nahi soye to iska matlab ye bilkul nahi ki tahajjud ki namaz us din nahi padh sakte

  7. Tahajjud ki namaz me kon kon see surati pad sakte hai our kitni baar p
    adnipadti hai
    Assalamualaikum bhaijaan muh ko sahi tarika batai

  8. Bahot bahot shukriya bhaijaan isi sawal ke wajah se meri aksar TAHAJJUD ki namaz chut jati thi ya you kaho mai khud chood deta tha kyunki jahatak mujhe maloom tha Maine pada tha ki TAHAJJUD ki namaz ke liye ek nind hona zaroori hai chahe phir wo nind ki jhapki Jaysi hi ho..so rat ko jagkar ALLAH ka zikr Karna hamd-o-sana Karna wo hadees padna wagairah wagirah in sab me rat guzar deta hu kabhi kabhi bina ek nind liye TAHAJJUD bhi Ada kar leta hu.ALHAMDULILLAH ALLAH ke fazl-o-karam se sab pata hone ke baojood zehan me ye sawal bar bar aata tha ke kya mai gunah kar raha hu jis hisab se TAHAJJUD ki namaz ka hukm hai mai uske khilaf kar raha hu….lekin wo ALLAH dilon ka bhed Janne wala hai wo zaria lagane wala hai ….aaj aap ke sawal karne ki wajah se ek ALLAH ke nek bande ne mujhe iska Jawab de diya…!ALLAH aap ko jazaye khair ata farmaye aap ko nek hajat ko qabool farmaye..!ameen ameen summa ameen ya RABBUL ALMEENPLEASE NAMAZ QAIM KARO NAMAZ ME NIZAT HAI..
    JAZAKALLAHU KHAIRAH….

  9. Pingback: Motivational Quotes About Tahajjud In Hindi | तहज्जुद की ख़ूबसूरत बातें

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