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Three Most Important Commandments | तीन बहुत ही अहम् काम | Hindi

   Three Most Important Commandments | तीन बहुत ही अहम् काम | Hindi

 

इंसानी ज़िन्दगी में पाए जाने वाले तीन काम ऐसे है जिन से हर मुसलमान का वास्ता पड़ता  है इनके असरात चूंकि सीधे सोसाइटी पर पड़ते है इसलिए शरीअत में उनको जितनी जल्दी हो सके अंजाम देने का हुक्म दिया है चुनांचे हज़रात अली र. से हुज़ूर स.ा. ने इरशाद फ़रमाया कि ऐ अली इन तीन कामो को जल्दी अंजाम देना

1. जब नमाज़ का वक़्त हो तो उसे जल्दी अदा करना

जब नमाज़ का वक़्त हो तो उसे जल्दी अदा करना जब औलाद बालिग़ हो जाये और जोड़ का रिश्ता मिल जाये तो देर मत करना  जब घर में मय्यत हो तो दफन  में जल्दी करना नगर अफ़सोस कि इन्ही तीन कामो के बारे में हमारी सोसाइटी बहुत ही ज़्यादा गफलत का शिकार है पहला हुक्म जब नमाज़ का वक़्त हो जाये तो उसे जल्दी अदा करना हमारी बदक़िस्मती ये है कि नमाज़ में देर तो दरकिनार अनगिनत मुस्लमान तो नमाज़ की अदायगी से ही महरूम हैं

 

नमाज़ के सिलसिले में मुसलमानो की पांच हिस्सों में बांटा का सकता है 

वो खुशनसीब जो पांच वक़्त नमाज़ की अदायगी बड़े इहतिमाम से करते हैं

वो हज़रात जो अपनी हाज़िरी सिर्फ जुमा जुमा ही लगते हैं फिर हफ्ता भर मस्जिद की शक्ल भी देखना नसीब नहीं होती

एक बड़ी तादाद उनकी भी है जो रमज़ान में बड़े पाबन्द होते है लेकिन लेकिन ईद के चाँद के साथ वो इस तरह गायब होते है जैसे गधे के सर से सींग.

वो बद क़िस्मत जो सिर्फ ईद और बक़रीद की नमाज़को ही अपने लायक समझते है

2. जब लड़का हो या लड़की अगर बालिग हो जाए तो अब उनके निकाह में देर न करना

  • दुसरा हुक्म ये है कि जब लड़का हो या लड़की अगर बालिग हो जाए तो अब उनके निकाह में देर करना शरीअत की नज़र में बुरा काम है हमारी सोसायटी में निकाह में इतनी मुश्किलें पैदा कर दी गई हैं कि ये मुबारक अमल मुश्किल से मुश्किल तर होता जा रहा है मर्द और औरत का मेल मिलाप सोसायटी का चलन बन गया है | निकाह में जल्दी के इस हुक्म को अमली जामा पहनाने की बहुत जरूरत है

 

निकाह में देर करने की वजह

निकाह में देर करने की वजह आम तौर पर यह होती है कि लड़का अभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं लांकि बहुत बार देखने में आता है कि घर में नई नवेली दुल्हन की बरकत से अल्लाह तआला रिज्क के बंद दरवाजे खोल देते हैं
और बहुत बार ऐसा भी हुआ है कि शादी के बाद चलता कारोबार ठप हो गया और फैक्ट्रियों में ताले पड़ गए

 

3. जब घर में मय्यत हो तो दफ़न करने में जल्दी करना

तीसरा हुक्म जब घर में मय्यत हो तो दफ़न करने में जल्दी करना हमारी सोसाइटी इस सिलसिले में भी बहुत ज़्यादती करती है मुर्दे को एक लम्बे वक़्त तक रखा जाता है सिर्फ इस वजह से क्यूंकि फलां रिश्तेदार बाहर मुल्क से आ रहे है हालाँकि जहाँ ये मुर्दे पर ज़ुल्म है वही मय्यत के घर वालो पर भी ज़ुल्म है ज़ाहिर है कि मय्यत कि तद्फीन तक घर वाले कोई दूसरा काम नहीं कर सकते उसके आलावा उनका ग़म भी दफन तक काम नहीं होता

 

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