Hazrat Moosa A.S. Ke Sawaal

Hazrat Moosa A.S. Ke Sawaal | हज़रत मूसा अ.स. के अल्लाह से 6 सवाल

Hazrat Moosa A.S. Ke Sawaal

हज़रत मूसा अ.स. के अल्लाह से 6 सवाल

पहला सवाल

हज़रत मूसा (अलैहिस सलाम) ने पुछा : ए मेरे रब ! तेरे बन्दों में सब से ज़्यादा मुत्तक़ी ( डरने वाला ) और परहेज़गार कौन है ?

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया : वो शख्स जो अल्लाह का ज़िक्र करता रहे और उसको भूले नहीं

“यक़ीनन अल्लाह से डरने वाला वही शख्स होता है जो सिर्फ मस्जिद के अन्दर ही नहीं बल्कि मस्जिद के बाहर भी अल्लाह को याद रखे, यानि आम मामलात, ख़ुशी और ग़म में भी अल्लाह को न भूले बल्कि हर क़दम अल्लाह की रज़ा के मुताबिक़ ही उठे”

दूसरा सवाल

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा : ए मेरे रब ! तेरे बन्दों में सब से ज़्यादा सही रास्ते पर कौन है ?

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया : जो हिदायत के रास्ते पर चले

“अल्लाह तआला ने अपने नबी को भेजकर, और कुराने पाक जैसी किताब को उतार कर, हिदायत के रास्ते को साफ़ साफ़ दिखा दिया इसलिए हम सभी को क़ुरान और हदीस का झंडा लेकर हिदायत के रास्ते पर चलना चाहिए”

Hazrat Moosa A.S. Ke Sawaal

तीसरा सवाल

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा : ए अल्लाह ! तेरे बन्दों में सब से ज़्यादा आलिम ( जानने वाला ) कौन है ?

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया :  आलिम वो है जिसका पेट इल्म से नहीं भरता

“जिसके अन्दर इल्म की प्यास कभी न बुझे, बल्कि वो हर दिन नयी चीज़ों को सीखने की कोशिश करे और मरते दम तक सीखता रहे यही आलिम है न कि वो जिसने इल्म सीखा फिर सीखने और सिखाने से उसका कोई ताल्लुक़ नहीं”

चौथा सवाल

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा : ए मेरे रब ! तेरे बन्दों में सब से ज़्यादा अच्छा फैसला करने वाला कौन है ?

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया :  वो शख्स जो लोगों को वही हुक्म देता है जो अपने आपको देता है

“वो काम जो किसी ने न किया हो और दूसरों को उसके करने का मशवरा देता हो ऐसा आदमी सही फैसला नहीं दे सकता”

पांचवां सवाल

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा : ए मेरे अल्लाह ! तेरे तमाम बन्दों में सब से ज़्यादा अज़ीज़ तरीन बंदा कौन सा है ?

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया :  वो शख्स जो बदला लेने की ताक़त रखता हो लेकिन फिर भी बदला न ले, और सामने वाले को माफ़ कर दे

“ऐसा वही कर सकता है जिसके अन्दर सब्र बर्दाश्त हो, क्यूंकि जब कोई आपको तकलीफ पहुंचाए तो बदले में आप भी उसे तकलीफ देना चाहते हैं लेकिन बदला लेने के बजाये जो माफ़ कर दे ऐसा शख्स अल्लाह का सब से अज़ीज़ बंदा है”

छठा सवाल

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा :  ए अल्लाह ! तेरे बन्दों में सब से ज़्यादा गनी कौन सा बंदा है

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया :  वो शख्स जिसको जितना मिले उसी पर राज़ी रहे

“ग़रीब वो है कि जिसके पास दौलत हो लेकिन फिर भी उसपर राज़ी न हो दिन रात उसी की तलब में मारा मारा फिरे और बेनियाज़ वो शख्स है जिसको जितनी नेअमत मिली उसी पर खुश होकर अल्लाह का शुक्र अदा करे”

मूसा अलैहिस सलाम ने पुछा :  ए मेरे रब ! आप के बन्दों में सब से ज़्यादा फ़क़ीर कौन है

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया :  जो मुसाफिर हो

“एक मुसाफिर यानि सफ़र करने वाला हाजतमंद और ज़रूरतमंद हो सकता है वैसे तो आजकर के सफ़र चन्द घंटों और दिनों के होते हैं इसलिए आसानी होती है लेकिन फिर भी सफ़र में मुश्किलें बहुत सामने आती हैं इसलिए अगर कोई मुसाफिर अगर ज़रूरतमंद हो तो उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए”

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